अच्छे पढ़े लिखे लोग भी नही जानते RO की फुल फॉर्म, होशियार लोग भी टेक देंगे घुटने

आज प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि अधिकांश लोग RO को अपने घरों में पानी साफ करने के लिए उपयोग करते हैं। आजकल,जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, RO जल प्यूरीफायर की मांग भी बढ़ती जा रही है। यह लगभग हर घर में, खासकर बड़े शहरों में, होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कैसे काम करता है? RO नाम क्यों दिया जाता है? अगर ऐसा नहीं है,तो आज हम RO वाटर प्यूरीफायर कैसे काम करता है और RO की पूरी तरह से क्या होती है। बस इस आर्टिकल में जानिए ..
RO क्या होता है?
RO एक प्रक्रिया है जो बिजली से संचालित होती है। यह प्रक्रिया सादे और दूषित पानी को स्वच्छ पानी में बदलती है। पानी की इस प्रक्रिया में एक वाटर प्यूरीफायर आयरन ठोस पदार्थों और टीडीएस (TDS) को पानी से हटाता है। RO का पूरा फॉर्म रिवर्स ऑस्मोसिस है,जिसे हिंदी में विपरीत प्रसारण कहते हैं।
क्या है TDS?
Total Dissolved Solid यानी पूर्ण घुले हुए ठोस पदार्थ TDS का पूरा नाम है। पानी में कई खनिज लवण घुले हुए होते हैं कैल्शियम, नाइट्रेट, आयरन, सल्फर और कार्बनिक. इन लवणों की वजह से पानी का स्वाद खराब होता है और इससे आपकी सेहत को खतरा होता है। RO तकनीक पानी से TDS निकालता है। रिवर्स ऑस्मोसिस प्रक्रिया में पानी को कई झिल्लियों से गुजारा जाता है।
RO काम कैसे करता है?
RO मशीन है। दबाव के साथ एक पतली झिल्ली से इसमें पानी निकाला जाता है। इससे अशुद्ध पानी झिल्ली में जाता है और स्वच्छ पानी नीचे की ओर जाता है। रक्त से पानी को अवशोषित करने के लिए दोनों जानवरों और मनुष्यों के गुर्दों में भी रिवर्स ऑस्मोसिस प्रक्रिया होती है। RO प्रक्रिया क्रॉस फिल्ट्रेशन से गुजरती है। इसकी मशीन में दो भाग बने हुए हैं। एक में फिल्टर किया हुआ पानी आता है, जबकि दूषित पानी दूसरे में निकलता है।
RO पानी को कितनी देर में स्वच्छ करता है?
बाजार में कई RO उपलब्ध हैं। पानी को साफ करने की उनकी क्षमता भी अलग है। कुछ RO 8 लीटर, 10 लीटर या 15 लीटर तक पानी साफ कर सकते हैं। जितने बड़े मॉडल का इस्तेमाल करेंगे, उतना अधिक पानी मिलेगा। हालाँकि आकार के हिसाब से इनके मूल्य भी कम हैं। बड़े RO की लागत भी अधिक होती है।