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हर मौसम में रहने के बाद भी ट्रेन पटरियों पर क्यों नही लगता जंग, होशियार लोग भी नही जानते असली वजह

ट्रेन में सफर करते समय या बाहर से भी कही आते जाते समय आपने आपने ट्रेन की पटरियों को तो कभी न कभी ध्यान से देखा होगा। ये सवाल भी आपके मन में जरुर आया होगा कि लोहे की होने के बाबजूद भी इन पटरियों पर कभी जंग क्यों नहीं लगती। जबकि हमारे आस पास या घरों में लोहे की खुली रखी हुईं चीजों में जल्दी जंग लग जाती है।
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हर मौसम में रहने के बाद भी ट्रेन पटरियों पर क्यों नही लगता जंग

आपने कभी सोचा है कि ट्रेन की पटरियां धूल, धूप और बारिश झेलने के बाद भी वैसे के वैसे बनी रहती है। इन पर कभी जंग क्यों नही लगती? ट्रेन की पटरियों का ऊपरी हिस्सा हमेशा चमचमाता रहता है। सोचा है कभी ऐसा क्यों? हां, नही सोचा तो कोई बात नही चलिए आज हम इसी सवाल का जवाब जानते हैं?

इस वजह से लगता है जंग

ट्रेन में सफर करते समय या बाहर से भी कही आते जाते समय आपने आपने ट्रेन की पटरियों को तो कभी न कभी ध्यान से देखा होगा। ये सवाल भी आपके मन में जरुर आया होगा कि लोहे की होने के बाबजूद भी इन पटरियों पर कभी जंग क्यों नहीं लगती। जबकि हमारे आस पास या घरों में लोहे की खुली रखी हुईं चीजों में जल्दी जंग लग जाती है। जबकि 24 घंटे खुली रहने के बाद ट्रेन की पटरियों पर जंग क्यों नहीं लगता?,  ट्रेन की पटरियों को किस प्रकार के मैटेरियल (Railway tracks made of which metal) से बनाया जाता है? जब लोहे की चीज़ें खुले में रखी होती है तो हवा में मौजूद ऑक्सीजन लोहे से रिएक्शन करती है। रिएक्शन करने के बाद लोहे पर एक भूरे रंग के पदार्थ की पर्त जम जाती है जिसे आयरन ऑक्साइड कहते की है। ट्रेन की पटरियों में जंग नही लगती।

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लोहे की नहीं होती पटरियां 

असल वजह ये है कि लोगों को अक्सर ये लगता है कि ट्रेन की पटरियां लोहे से बनी होती है जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। ट्रेन की पटरियां लोहे से नही बल्कि एक खास तरह के ट्रेन स्टील से बनाई जाती है। इस स्टील को मैग्नीज स्टील कहते हैं। जिसमे 12 प्रतिशत मैग्नीज और  0.8 प्रतिशत कार्बन होता है। यही वजह है कि  ट्रेन की पटरी में आयनर आक्साइड की परत नहीं जमती यानी जंग नही लगती।