जाने ट्रेन और एरोप्लेन को स्टार्ट करने के लिए चाबी की ज़रूरत होती है या नही, 1 प्रतिशत लोग भी नही जानते सच्चाई

ट्रेन में आपने कइयों बार सफर किया होगा और शायद प्लेन में भी कभी न कभी किया होगा। नही भी किया है तो कोई बात नही। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि ट्रैन या प्लेन को स्टार्ट कैसे किया जाता है? क्या जैसे कार को स्टार्ट करते हुए वैसे ही क्या ट्रैन और प्लेन को भी स्टार्ट करने की कोई चाभी होती है। आपके इन सवालों का ही जवाब हम अपने इस आर्टिकल आज जानने वाले है।
दो तरह के होते है इंजन
ट्रेन के दो इंजन होते हैं एक इलेक्ट्रिक और दूसरा डीजल इंजन। दोनों को स्टार्ट करने का तरीका अलग है। पहले डीजल इंजन की बात करते है, इस तरह के इंजन को स्टार्ट करने के लिए एक अलग तरह की चाबी होती है, जो कि एक हैंडल की तरह होती है। जब डीजल इंजन को स्टार्ट करते है तो इसे रिवर्स करते हुए एक तरह का हैंडल लगा देते हैं, उसे ही आप ट्रेन की चाबी समझ सकते हैं। इसी से ट्रेन को स्पीड मिलती है।
इलेक्ट्रिक इंजन को शुरू करने के लिए पहले पैंटोग्राफ को हवा के प्रेशर से पूरी तरह से भर दिया जाता हैं, फिर कनेक्ट वायर को ऊपर उठाकर सर्किट ब्रेकर को ऑन कर देते है। इस प्रक्रिया में एक खास तरफ की चाबी की जरुरत होती है, जेड पीटी या पैंटो कहते है। लेकिन अब जो नए इलेक्ट्रिक इंजन हैं, उन्हें स्टार्ट करने के पेंटो की जरुरत नही पड़ती। ये एक स्विच से ऑन ऑफ हो जाते है।
प्लेन को कैसे स्टार्ट करते हैं?
ट्रैन के बारे में तो आपने जान लिया अब प्लेन की बात करते है, प्लेन को स्टार्ट करने के लिए किसी चाभी की जरुरत नही होती। लेकिन प्लेन कई सारे स्विच और एक लीवर की मदद से उड़ाया जाता है। प्लेन का पायलट प्लेन को शुरु करने के लिए कुछ स्विच्स को ऑन करते हैं.
फिर प्लेन के डैशबोर्ड पर लगी सभी लाइटें और इंडिकेटर्स जलने लगते हैं। इसके बाद प्लेन को आगे बढ़ाने के लिए लिवर को पुश किया जाता है,फिर प्लेन उड़ने लगता है। प्लेन को टेकऑफ या उतारने के लिए भी इसी लिवर का इस्तेमाल होता है।