स्मार्ट मीटर लगाने के चक्कर में बिजली बोर्ड की बढ़ी परेशनियां, ना चाहते हुए भी आम जनता को उठाना पड़ रहा नुकसान

हिमाचल प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता स्मार्ट मीटर खरीद योजना से परेशान हैं। वर्तमान में प्रदेश भर में हजारों आवेदन लंबित हैं, लेकिन बिजली मीटर नहीं होने के कारण बोर्ड इन्हें बिजली नहीं दे पा रहा है, इसलिए वे जुगाड़ से काम कर रहे हैं।
अकेले मंडी जिले में ही नए विद्युत मीटर लगाने के लिए सात हजार कनेक्शन बाकी हैं। स्थिति पूरे राज्य में बनी हुई है। Himachal Pradesh विद्युत बोर्ड मीटरों की कमी से जूझ रहा है। हालाँकि विभाग में बहुत से आवेदन हैं, लेकिन उन्हें कनेक्शन देने के लिए मीटर नहीं है। बीते करीब एक साल से भी अधिक समय से बोर्ड इस समस्या का सामना कर रहा है।
ध्यान दें कि आम मीटर की खरीद बंद कर दी गई है क्योंकि बोर्ड स्मार्ट मीटर खरीदने की योजना पर आगे बढ़ा है। विभाग को पुराने मीटरों से जुगाड़ लगाने और कुछ कनेक्शनों को स्थापित करने की जरूरत है। अकेले मंडी जोन में सात हजार से अधिक आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। विद्युत बोर्ड के मंडी क्षेत्र में पांच जिले हैं: मंडी, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, बिलासपुर और हमीरपुर।
स्मार्ट मीटर लगाने का विचार पूर्ववर्ती सरकार ने किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही सरकार ने 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया। इसलिए स्मार्ट मीटर लगाने का कोई औचित्य नहीं था। वर्तमान सरकार ने 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया है। ऐसे में, यदि लोगों को मुफ्त बिजली मिलती है, तो स्मार्ट मीटर लगाने से विभाग को कोई लाभ नहीं मिलेगा। - HDM
कुल्लू-बिलासपुर-हमीरपुर में दिक्कतें
मंडी में 1000 से अधिक, कुल्लू में 1500 से अधिक, बिलासपुर में 1500 से अधिक और हमीरपुर में भी 1500 से अधिक आवेदन लंबित हैं। ज्यादातर विभाग स्तर पर मीटर नहीं होने और कुछ आवेदन आवेदकों के स्तर पर औपचारिकताओं को पूरा नहीं करने के कारण लंबित हैं। उधर, विद्युत बोर्ड मंडी जोन के प्रमुख इंजीनियर रजनीश कुमार ने कहा कि विभाग मीटर खरीद रहा है। बहुत से आवेदन औपचारिक आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पाने के कारण लंबित हैं।