Railway Tracks: रेल की पटरियां अपने आप में एक इंजीनियरिंग का अजूबा हैं. भारतीय रेलवे की पटरियां लगातार हर तरह के मौसम (weather resistance) का सामना करती हैं. फिर चाहे वह तेज धूप हो या झमाझम बारिश. इन परिस्थितियों में भी ये पटरियां सालों-साल तक अपनी दक्षता बनाए रखती हैं.
जंग का प्रतिरोध
आम धारणा के विपरीत रेल की पटरियां आम लोहे की नहीं बल्कि एक विशेष प्रकार के स्टील (special steel composition) से बनाई जाती हैं. यह स्टील मैंगनीज और कार्बन (manganese and carbon) जैसे तत्वों के मिश्रण से तैयार होता है जिससे ये पटरियां जंग लगने के प्रतिरोधी बनती हैं.
मैंगनीज की भूमिका
पटरियों में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टील में मैंगनीज की उपस्थिति ऑक्सीकरण प्रक्रिया (oxidation process) को धीमा कर देती है. मैंगनीज जंग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और स्टील को अधिक टिकाऊ बनाता है.
जिंक कोटिंग
रेल की पटरियों पर एक विशेष प्रकार की कोटिंग की जाती है. जिंक की परत (zinc coating) लगाने से पटरियां और भी अधिक सुरक्षित हो जाती हैं. यह कोटिंग जंग के खिलाफ एक मजबूत ढाल का काम करती है.
निरीक्षण और रखरखाव
रेलवे कर्मचारी नियमित रूप से पटरियों का निरीक्षण (regular inspections) करते हैं ताकि किसी भी प्रकार की क्षति या जंग की पहचान समय रहते की जा सके. यह सुनिश्चित करता है कि पटरियां हमेशा उच्चतम सुरक्षा मानकों को पूरा करें.