Bussiness News: जहानाबाद के मखदुमपुर के पलेया गांव के मनीष कुमार शर्मा ने अपनी दृढ़ता और आत्मविश्वास से दिखाया कि किसी भी कठिनाई को परिश्रम से सरल बनाया जा सकता है. पटना में सरकारी नौकरी की तैयारी में असफल होने के बाद उन्होंने वहीं से दो गायें खरीदीं और अपने गांव आकर डेयरी व्यवसाय में कदम रखा. आज उनके पास एक सफल डेयरी फार्म है जो उनकी मेहनत का परिणाम है.
नए डेयरी फार्म का निर्माण और विकास
2008 में शुरू किया गया मनीष का नूतन डेयरी फार्म (Nutan Dairy Farm establishment) जल्द ही जिले में पहचान बनाने लगा. एक समय में फार्म से प्रतिदिन 300 लीटर तक दूध का उत्पादन होता था. उनकी यह सफलता उनके परिश्रम और लगन का नतीजा थी. दुर्भाग्यवश, कुछ कारणों से अब उनके पास केवल 20 गाय हैं, लेकिन फिर भी उत्पादन क्षमता (dairy production capacity) 100 से 150 लीटर प्रतिदिन बनी हुई है.
डेयरी व्यवसाय के चुनौतियां और संघर्ष
डेयरी व्यवसाय में सफलता के बावजूद, मनीष को कई चुनौतियां (challenges in dairy business) का सामना करना पड़ा. उन्होंने समय के साथ डेयरी फार्म के लिए बेहतर व्यवस्थाएं कीं और अपनी गायों के लिए उचित आवास प्रदान किया. उनके भाई शैलेश कुमार के अनुसार, मनीष ने पटना से वापस आने के बाद डेयरी व्यवसाय में पूरी तरह से जुट गए और अपनी मेहनत से इसे सफल बनाया.
आगे की योजनाएं और डेयरी फार्म का विस्तार
भविष्य में, मनीष और उनका परिवार डेयरी फार्म (dairy farm expansion) को और विस्तार देने की योजना बना रहे हैं. उनका उद्देश्य दूध उत्पादन को और बढ़ाना है और स्थानीय बाजार में अपने दूध की आपूर्ति को और अधिक सुदृढ़ करना है. मनीष और उनके परिवार की यह कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा (inspiration from dairy success) है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को साकार करने का साहस रखते हैं.