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बेरोज़गारी में कड़कनाथ मुर्गियों को लेकर शुरू किया था छोटा सा बिज़नेस, अब हर महीने बिना मेहनत होती है लाखों में कमाई

कड़कनाथ मुर्गे बेचने का काम घर से शुरू कर दिया। थोड़े ही दिनों में धीरे-धीरे उनका काम बढ़ने लगा। आज लगभग वह 50,000 से अधिक रुपए प्रति महीना कमा रहा है
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jobless man doing kadaknath farming

कोरोना काल में लाखों लोगों की नौकरी चली गई और वह बेरोजगार हो गए कुछ लोग तो अपने घरों से ही ऑनलाइन काम करना शुरू कर दिया लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे जिनका अपना बिजनेस था वो सभी बंद हो गया। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे जिन्होंने कोरोना काल में अपना बिजनेस भी स्टार्ट कर लिया। 

घर से शुरू किया कड़कनाथ मुर्गे बेचने का काम 

आज हम एक ऐसे युवक की बात कर रहे हैं जिसने कोरोना काल में घर बैठे 20 साल के उम्र में कड़कनाथ मुर्गे बेचने का काम घर से शुरू कर दिया। थोड़े ही दिनों में धीरे-धीरे उनका काम बढ़ने लगा। आज लगभग वह 50,000 से अधिक रुपए महीना कमा रहा है ।अभी उनके पास पोल्ट्री फार्म है, लेकिन उसमें मुर्गियों के लिए जगह नहीं होने के कारण वह दूसरा फार्म खोलने की तैयारी कर रहे हैं।

50 पीस मुर्गी से शुरू किया था बिजनेस

आपको बता दें कि बुंदेलखंड के सागर मुख्यालय से करीब 8 किमी दूर स्थित सेमरा बाग के नीरज पटेल द्वारा मुर्गों की खरीद-फरोख्त की जा रही है।अपने कारोबार के बारे में नीरज बताते हैं कि उन्होंने झाबुआ से 50 पीस लाकर इसकी शुरुआत की थी। शुरुआत में ही उन्होंने एक कड़कनाथ पर 300 से 400 रुपए बेचना शुरू कर दिया। लोगों के जैसे ही कड़कनाथ मुर्गी के बारे में पता चला वैसे ही उनकी डिमांड और ज्यादा बढ़ने लगी ।

सोशल मीडिया से भी आते हैं ऑनलाइन ऑर्डर

नीरज ने कहा कि उसका बिजनेस इतना ज्यादा चल रहा है कि अब वह 1 महीने में करीब 1000 मुर्गियां बेचना शुरू कर दिया है।  उनके फार्म में कड़कनाथ के अलावा देसी मूल सोनाली सहित अन्य नस्ल के मुर्गियां भी रखने लगा है इसके साथ ही  एक चूजा 60 रुपए में मिल जाता है, लेकिन वह बड़ा होकर 600 से 800 रुपए में बिकता है।  उसने कहा कि अब वह  मुर्गे-मुर्गों की सप्लाई दूर-दूर तक करने लगा है  इतना ही नहीं मुर्गों  का आर्डर उसे सोशल मीडिया के  द्वारा ऑनलाइन ऑर्डर भी आना शुरू हो गया है।