भारत का ऐसा गांव जहां औरतें नही रखती करवाचौथ का व्रत, इस श्राप के चलते आज भी डरती है सुहागिन महिलाएं

हाल ही में पूरे देश की महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा मानता है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से पति की जिंदगी खुशहाल और लंबी हो जाती है, परंतु भारत में कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां यह व्रत नहीं किया जाता है. यहां के लोगों का मानना है कि करवा चौथ के व्रत को करने से पति को श्राप लगता है और उनकी उम्र कम हो जाती है.
आखिर कौन से हैं यह गांव
मथुरा की सुरीर कस्बे की मांट तहसील सुरीर के मोहल्ले बघा में सैकड़ो ठाकुर परिवार करवा चौथ का व्रत नहीं करते हैं. वही करनाल जिले के भी तीन गांव कतलाहेडी, गोंडर और रोगद में भी करवा चौथ का त्यौहार नहीं मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस गांव में सती का श्राप है और यदि कोई सुहागन औरत अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है तो उसके पति की उम्र घट जाती है.
माना जाता है कि लगभग 600 वर्ष पहले रहडा की एक लड़की की शादी गोदार के एक लड़के के साथ हुई थी. करवा चौथ के मौके पर गांव में हुई एक आपसी झगड़े में गांव के लोगों ने उसे ब्राह्मण युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसके बाद उसकी पत्नी भी अपने पति की चिता के साथ सती हो गई और उसने गांव को श्राप दिया कि यदि इसके बाद इस गांव में कोई भी करवा चौथ का व्रत रखेगा तो उसके पति की मृत्यु हो जाएगी. बस इसी डर के कारण गांव भयभीत है और वहां अभी तक करवा चौथ का व्रत नहीं रखा जाता.