अजीबोगरीब रस्म जिसमे साली अपने जीजा को खिलाती है कंकड़ पत्थर से बना भोजन, कारण जानकर तो आपके दिमाग का हो जायेगा दही

शादी सिर्फ दो लोगों का एकीकरण नहीं है, बल्कि दो परिवारों और समाज का एकीकरण है। शादी भारत में एक बड़ा उत्सव है। उस एक दिन की शादी को खास बनाने के लिए लोग अपनी पूरी जिंदगी लगा देते हैं। सालों से लोग इस एक दिन की घटना की तैयारी करते हैं। शादी एक जीवन भर के बंधन है। शादी करने का हर धर्म और जाति अलग है। यही कारण है कि आज हम छत्तीसगढ़ के एक अनोखे विवाह प्रचलन के बारे में बताएंगे। शादी की इस रस्म में साली अपने होने वाले जीजा को कंकड़-पत्थर से बने पकवान खिलाती है। आप भी इस रस्म के बारे में जानने के लिए उत्सुक होंगे तो चलिए जानें।
क्या राती भाजी है?
जैसा कि नाम से पता चलता है, राती भाजी का अर्थ है "रात" और भाजी का अर्थ है "भोजन" या "साग"। इस रस्म में दुल्हा बारात लेकर आता है, तो सास और ससुर उसका स्वागत करते हैं, फिर साली उसका स्वागत करती है। सभी जानते हैं कि साली और जीजा का रिश्ता मजाक का है। यही कारण है कि साली द्वारा जीजी जी के सत्कार का यह रस्म राती भाजी कहलाता है।
राती भाजी की विधि
साली जीजी जी के स्वागत में बड़ी परात या थाली में खाने पीने की विभिन्न सामग्री तैयार करती है। 10 से 12 प्रकार के पत्ते, पान, दातुन, कंकड़ पत्थर मिले हुए व्यंजन, नमक और मिर्च के साथ एक शरबत बनाने की रेसिपी। साली अपने जीजा को इन सब चीजों को खाने के लिए कहती है। इन कंकड़ पत्थर के पकवानों को कभी-कभी जानकार लोग नहीं खाते, लेकिन कभी-कभी जीजा जी इस रस्म से परिचित होते हैं।
रातीभाजी के अच्छे नेग
इस शादी के अजीबोगरीब रस्म में, साली को अच्छे नेग भी मिलते हैं। उसकी साली को उसकी मुंह मागी शगुन देनी पड़ती है, चाहे जीजा उस थाल से कुछ खाए या नहीं। यह रस्म हंसी-मजाक से भरपूर है और दूल्हा और साली के अलावा बाकी लोगों को भी अच्छा लगता है।