PKC-ERCP in MP: राजस्थान में एक महत्वाकांक्षी जल परियोजना का काम जोरों पर है जिसका उद्देश्य राज्य के 21 जिलों में रहने वाले 3.25 करोड़ लोगों को सिंचाई और पेयजल दिया जाता है. इस परियोजना में 1200 किमी लंबी नहरें, पाइपलाइन, और टनल शामिल हैं जो इसे भारत के सबसे बड़े जल प्रबंधन उपक्रमों में से एक बनाते हैं.
परियोजना का महत्व और लाभ
इस विशाल परियोजना के तहत राजस्थान को 4103 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) पानी (water allocation) मिलेगा जो बीसलपुर बांध को चार बार भर सकता है. मध्यप्रदेश के 13 जिलों को भी लगभग 3000 MCM पानी मिलेगा जिससे दोनों राज्यों में पानी की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा.
परियोजना की अवधि और संरचना
राजस्थान में इस पूरी परियोजना को 7 सालों में पूरा करने की योजना है. परियोजना में कई बैराज और जलाशय (dams and reservoirs) निर्मित किए जाएंगे जिसमें रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनेरा बैराज, मेज बैराज और नीमोद राठौड़ बैराज शामिल हैं. ये सभी निर्माण कार्य नदियों के व्यापक नेटवर्क को जोड़ने के लिए किए जाएंगे.
परियोजना की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
परियोजना के पूरा होने पर यह राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच दशकों से चली आ रही जल विवाद (water dispute resolution) को भी समाप्त कर देगी. इसके अलावा, यह परियोजना बाढ़ और सूखे की लगातार आने वाली समस्याओं को स्थायी रूप से हल करने में मदद करेगी, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और कृषि क्षेत्र (agricultural sector) को भी बड़ा बूस्ट मिलेगा.