1 January Rule Change: नया साल नई शुरुआत लाता है और इस बार यह भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के साथ आ रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने UPI 123Pay की ट्रांजैक्शन लिमिट में इजाफा करने की घोषणा की है. अब यूजर्स इस सुविधा के माध्यम से 10,000 रुपये तक पैसे भेज सकेंगे जो कि पहले 5,000 रुपये की लिमिट थी.
UPI 123Pay की बढ़ी हुई ट्रांजैक्शन लिमिट
इस नई ट्रांजैक्शन लिमिट का उद्देश्य डिजिटल भुगतान को और भी आसान बनाना है. इससे न केवल छोटे व्यापारियों को अपने रोजाना लेनदेन में सुविधा होगी बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी अधिक पैसे का लेनदेन करने में आसानी होगी. यह व्यापारी और ग्राहक दोनों के लिए समय की बचत करेगा और डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम और बढ़ाएगा.
UPI 123Pay के बारे में समझिए
UPI 123Pay एक ऐसी सुविधा है जो इंटरनेट की आवश्यकता के बिना काम करती है (UPI Services without Internet). इसके चार मुख्य ऑप्शन हैं: IVR नंबर्स, मिस्ड कॉल, OEM-embedded Apps और साउंड बेस्ड टेक्नोलॉजी, जो विभिन्न प्रकार के उपयोगकर्ताओं की सुविधा के लिए डिजाइन किए गए हैं.
डेडलाइन और लागू करने की प्रक्रिया
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इस नए नियम को लागू करने के लिए 1 जनवरी 2025 तक की डेडलाइन तय की है. इस समय सीमा के अंदर सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अपने सिस्टम को इस नए नियम के अनुरूप ढालना होगा.
सुरक्षा उपाय और यूजर्स की सुरक्षा
सुरक्षा हमेशा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय रही है, खासकर जब बात डिजिटल लेनदेन की आती है. इसलिए, नई लिमिट के साथ अतिरिक्त सुरक्षा फीचर्स जैसे कि OTP की आवश्यकता भी शामिल की जा रही है (UPI Security Features). ये सुरक्षा उपाय उपयोगकर्ताओं के डेटा की रक्षा करने में मदद करेंगे और धोखाधड़ी के जोखिम को कम करेंगे.
UPI के फायदे और नुकसान
UPI ने वित्तीय लेनदेन को बहुत सरल बना दिया है, लेकिन इसके नुकसान भी हैं. विशेष रूप से, धोखाधड़ी के मामले में बढ़ोतरी हुई है जहां यूजर्स के खाते से बिना उनकी जानकारी के पैसे निकाल लिए गए हैं (UPI Fraud Awareness). इसलिए जब भी UPI का उपयोग करें तो सावधानियां बरतें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें.