प्रदेश में मानसून अपनी गति से बढ़ रहा है और बृहस्पतिवार को इसके असर से कई इलाकों में खुशनुमा मौसम ने लोगों को भारी गर्मी से बड़ी राहत मिलेगी। दिन और रात के तापमान में आई गिरावट ने सभी के चेहरे पर खुशी की लहर है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले चार-पांच दिनों में मानसून प्रदेश के कोने-कोने में फैल जाने की संभावना है।
बरसात का आंकड़ा और प्रभावित इलाके
बृहस्पतिवार की सुबह तक आगरा, अलीगढ़, मथुरा-वृंदावन मुरादाबाद में 70 मिमी से अधिक बरसात दर्ज की गई है जो कि खेती और जल संचय के लिहाज़ से बहुत ही फायदेमंद है। अयोध्या, बहराइच, बलिया, बुलंदशहर, फतेहपुर, फुरसतगंज, हमीरपुर में 50 से 60 मिमी बरसात हुई है। गाजीपुर में तो 100 मिमी की रिकॉर्ड बरसात हुई है।
मानसून की दिशा और गतिविधियां
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक, अतुल कुमार सिंह के मुताबिक मानसून की अरब सागर की शाखा इस वर्ष अधिक सक्रिय है जिसके कारण यह बुंदेलखंड के ज्यादातर हिस्सों को कवर करते हुए आगे बढ़ा है। बंगाल की खाड़ी की शाखा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों के कुछ भागों को कवर किया है। आने वाले दिनों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से लेकर भारी वर्षा की संभावना है।
भारी बारिश के आसार और सुरक्षा उपाय
देवरिया, गोरखपुर, संत कबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुरखीरी, सीतापुर, बाराबंकी, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आसपास के इलाकों में मौसम विभाग ने भारी बारिश के आसार जताए हैं। इन क्षेत्रों में निवासियों को अत्यधिक सतर्क रहने और सुरक्षा उपायों को अपनाने की जरूरत है खासकर बिजली गिरने के मामलों में।
त्रासदी से निपटने की चुनौतियां
बृहस्पतिवार को कई स्थानों पर बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाएं हुईं जिससे प्रदेश में 20 लोगों की दुखद मौत हो गई। वाराणसी और आसपास के जिलों में इससे 10 लोगों की जान चली गई। स्थानीय प्रशासन और समुदायों को ऐसी घटनाओं के लिए अधिक तैयार रहने की आवश्यकता है ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।