मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया है। जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि के नए आयामों को स्थापित करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इस बजट में विशेष तौर पर मोबाइल फोन उद्योग के लिए बड़ी राहत की घोषणा की गई है। जिससे इस क्षेत्र की संभावनाएं और भी विस्तारित होंगी।
मोबाइल फोन्स पर कस्टम ड्यूटी में कटौती
सरकार ने मोबाइल फोन और उनके घटकों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी में महत्वपूर्ण कमी की है। इस कटौती का मुख्य उद्देश्य भारतीय मोबाइल उद्योग को और अधिक सशक्त बनाना है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी प्रतिस्पर्धी बन सकें। वित्त मंत्री के अनुसार, मोबाइल फोन्स, मोबाइल PCDA (प्रिंटेड सर्किट डिजाइन एसेंबली) और मोबाइल चार्जर्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 15% तक घटाया गया है।
बजट का प्रभाव
कस्टम ड्यूटी में कमी के इस निर्णय से मोबाइल फोन्स की लागत में कमी आएगी। जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। इससे न केवल फोन्स की कीमतें कम होंगी। बल्कि उच्च प्रौद्योगिकी वाले उत्पादों की पहुंच भी सामान्य जन तक आसानी से हो सकेगी। इस परिवर्तन से भारतीय बाजार में नई प्रौद्योगिकियों का आगमन तेज होगा और स्थानीय उत्पादन भी बढ़ेगा।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा और स्थानीय उत्पादन
वित्त मंत्री की इस घोषणा से भारतीय मोबाइल उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी। यह नीति न केवल घरेलू बाजार में मोबाइल फोन्स की कीमतों को कम करेगी। बल्कि स्थानीय निर्माताओं को वैश्विक बाजार में भी बेहतर मौके प्रदान करेगी।
कुछ टेलीकॉम इक्विपमेंट पर बढ़ी है कस्टम ड्यूटी
हालांकि सरकार ने कुछ टेलीकॉम इक्विपमेंट्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10% से बढ़ाकर 15% कर दिया है। जिससे कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। इस कदम से टेलीकॉम इंडस्ट्री में कुछ विकास संबंधी परियोजनाओं में विलंब हो सकता है। परंतु यह दीर्घकालिक रूप में स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने में सहायक होगा।