New City In Haryana: हरियाणा के पलवल जिले के 19 गांवों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही इन गांवों में विकास की नई लहर दौड़ने वाली है। जेवर एयरपोर्ट से जुड़े ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के आसपास एक नया शहर बसाने की योजना बनाई जा रही है। इस योजना के तहत इन 19 गांवों को कंट्रोल एरिया में शामिल किया गया है। यह निर्णय फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (FMDA) के मास्टर प्लान 2041 के तहत लिया गया है।
नए शहर की योजना और फायदा
FMDA ने पलवल के इन गांवों को मास्टर प्लान 2041 में शामिल कर लिया है। इस योजना का उद्देश्य इन इलाकों में औद्योगिक और आवासीय विकास को गति देना है। यह नया शहर व्यापार और रोजगार के कई अवसर लाएगा।
ये 19 गांव ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास स्थित हैं। इन एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी का लाभ यहां के निवासियों को मिलेगा। साथ ही, जेवर एयरपोर्ट तक आसान पहुंच इन इलाकों को औद्योगिक और आवासीय हब में बदल सकती है।
कंट्रोल एरिया में शामिल 19 गांव
पलवल जिले के इन 19 गांवों को कंट्रोल एरिया में शामिल किया गया है:
- शेखपुर
- नंगलिया
- झुप्पा
- बागपुर कलां
- बागपुर खुर्द
- सोलड़ा
- भोलड़ा
- दोस्तपुर
- गुरावड़ी
- चांदहट
- रहीमपुर
- प्रह्लादपुर
- राजपुर खादर
- थंथरी
- बलई
- मकसूदपुर
- हंसापुर
- जेबाबाद खरेली
- भूड़
ये गांव यमुना के किनारे और जेवर एयरपोर्ट ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के नजदीक हैं। इनकी भौगोलिक स्थिति इन्हें विकास के लिए उपयुक्त बनाती है।
मास्टर प्लान 2041 का महत्व
मास्टर प्लान 2041 के तहत इन गांवों में औद्योगिक, व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। FMDA के सलाहकार सुधीर चौहान के अनुसार, इन गांवों में विकास की योजनाएं गजट नोटिफिकेशन के बाद तेजी से अमल में लाई जा रही हैं। औद्योगिक इकाइयों के अलावा, यहां रिहायशी सेक्टर भी बसाए जाएंगे।
जेवर एयरपोर्ट और एक्सप्रेसवे का फायदा
जेवर एयरपोर्ट और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के चलते इन इलाकों में निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं। व्यापार और उद्योग के लिए यह क्षेत्र मील का पत्थर साबित हो सकता है। इसके अलावा, यहां के लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।
FMDA की योजना
FMDA ने इन गांवों को विकास के लिए प्राथमिकता दी है। योजना के अनुसार, यमुना के पास स्थित गांवों को जोड़कर एक व्यवस्थित और आधुनिक शहर बसाया जाएगा। यहां के किसान और स्थानीय निवासी अपनी जमीनों का उपयोग बड़े पैमाने पर व्यवसाय और आवासीय परियोजनाओं में कर सकेंगे।