बढ़ते फर्जी कॉल्स और मैसेज के मुद्दे को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस पर नियंत्रण पाने के लिए गाइडलाइन्स का मसौदा तैयार किया है। यह कदम उन नागरिकों के लिए राहत भरा साबित होगा जो आए दिन फर्जी कॉल्स और मैसेज के जरिए ठगी के शिकार हो जाते हैं। इस प्रस्तावित गाइडलाइन को 21 जुलाई तक जनता की राय के लिए खुला रखा गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा सुझाव इककठे किए जा सकें।
जनता की राय से संशोधन और सुधार
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और दूरसंचार विभाग ने इससे पहले भी विभिन्न पहलें की हैं जैसे कि 160 नंबर सीरीज का आवंटन जिससे वैध और अवैध कॉल्स में फर्क करना आसान हो सके। इस बार फीडबैक के बाद बिल को संसद में पेश किया जाएगा और फिर विधिवत रूप से इसे लागू किया जाएगा।
सेक्टर विशेषज्ञों की कमिटी द्वारा संचालित
इस नई नीति को ड्राफ्ट करने में विभिन्न सेक्टरों के विशेषज्ञ शामिल हैं जिनमें टेलीकॉम, वित्तीय सेवाएं, आवास और शहरी मामले और बीमा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इस कमिटी का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की गोपनीयता और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।
गोपनीयता की सुरक्षा
इस बिल के माध्यम से सरकार उन गतिविधियों पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है जो नागरिकों की गोपनीयता को खतरे में डालती हैं। इसके अलावा, यह बिल न केवल टेलीकॉम उपयोगकर्ताओं के लिए बल्कि सभी भारतीय नागरिकों के लिए एक सुरक्षित और धोखाधड़ी मुक्त संचार पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।