INLD Haryana: हरियाणा में पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई में जूझ रही है. वर्षों से पार्टी अपने चुनावी चिह्न ‘चश्मे’ को बचाने की कोशिश में है. लेकिन लगातार खराब चुनावी परफॉरमेंस के कारण अब यह चिह्न छिनने की कगार पर है.
चुनावी चिह्न पर संकट
दो लगातार विधानसभा चुनावों में खराब परफॉरमेंस के बाद INLD के सामने अपने चुनाव चिह्न को खोने का संकट उत्पन्न हो गया है. चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार पार्टी को कुछ मानदंड पूरे करने होते हैं. जिसमें वह असफल रही है.
अभय चौटाला की प्रतिक्रिया
पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय चौटाला ने इस स्थिति को ‘बकवास’ करार दिया है. यह संकेत देते हुए कि पार्टी इन चुनौतियों का सामना करेगी.
चुनावी चिह्न बचाने के लिए आखिरी मौका
रामनारायण यादव, हरियाणा विधानसभा के स्पेशल सचिव के अनुसार यह INLD के लिए चुनाव चिह्न बचाने का आखिरी मौका था. पार्टी चुनाव आयोग की दी गई शर्तों को पूरा करने में विफल रही है.
चुनाव चिह्न बचाने के लिए जरूरी नियम
पार्टी के सामने कई चुनौतियाँ हैं जिनमें से प्रमुख हैं—विधानसभा की कम से कम 2 सीटों पर जीत, कुल 6% वोट हासिल करना और कम से कम 25 सांसदों में से एक की जीत.
हरियाणा की राजनीति में इनेलो का संघर्ष
एक समय हरियाणा की राजनीति में अपना वर्चस्व रखने वाली इनेलो अब अपनी राजनीतिक पहचान और अस्तित्व को बचाने की लड़ाई में जुटी हुई है. इसके चुनावी परफॉरमेंस में गिरावट और चुनाव चिह्न के खोने का खतरा इसकी मौजूदा स्थिति को दर्शाता है.