Government Schemes: हर साल जैसे ही फसल कटाई का समय आता है. उत्तर भारत में पराली जलाने की समस्या सिर उठा लेती है. इस समस्या का समाधान करने के लिए फतेहाबाद के जिला प्रशासन ने एक जागरुकता अभियान (awareness campaign) चलाने का निर्णय लिया है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करना और उन्हें इसके नुकसानों से अवगत कराना है.
जागरुकता वाहन की शुरुआत
फतेहाबाद जिले की डीसी मनदीप कौर ने हाल ही में लघु सचिवालय से जागरुकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये वाहन गांव-गांव जाकर किसानों को पराली जलाने के विपरीत प्रभावों के बारे में बताएंगे और इसके विकल्प सुझाएंगे. इस पहल से किसानों में इस क्रिया के पर्यावरणीय और स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति जागरुकता बढ़ेगी.
किसानों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं
सरकार ने पराली न जलाने वाले किसानों के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं. जिन किसानों ने पराली जलाने की प्रथा को नहीं अपनाया. उन्हें प्रति एकड़ 1,000 रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा जिन ग्राम पंचायतों में पराली जलाने की कोई घटना नहीं होती. उन्हें 1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है. यह योजना न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करती है बल्कि किसानों को भी आर्थिक रूप से समर्थ बनाती है.
डीसी ने की किसानों से अपील
डीसी मनदीप कौर ने किसानों से अपील की है कि वे पर्यावरण की सुरक्षा में योगदान देने के लिए पराली जलाने की प्रथा से दूर रहें और पराली का उचित प्रबंधन करें. इस तरह के प्रयासों से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा बल्कि किसानों की खेती भी सुरक्षित रहेगी.