Haryana News: हरियाणा में 1 दिसंबर से प्रॉपर्टी के पंजीकरण के लिए खरीदारों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे. यह नया आदेश मुख्यमंत्री नायब सैनी की अधीनस्थ रेवेन्यू विभाग (Revenue Department under CM Naib Saini) द्वारा जारी किया गया है. नए कलेक्टर रेट पर प्रॉपर्टी रजिस्टर करने के आदेश 1 दिसंबर से 31 मार्च 2025 तक लागू रहेंगे. जिससे प्रॉपर्टी की कीमतों (property prices hike) में भारी बढ़ोतरी होने वाली है.
कलेक्टर रेट में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आने वाले गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, सोनीपत, रोहतक, पानीपत, करनाल, झज्जर और नूंह जिलों में कलेक्टर रेट 20 फीसदी तक बढ़ने वाले हैं. पंचकूला जिले में भी इसी तरह की बढ़ोतरी की उम्मीद है. यह बढ़ोतरी राज्य के अन्य जिलों में भी मामूली होगी (moderate increase in other districts). मूल रूप से यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2024 से लागू होनी थी. लेकिन विभिन्न कारणों से इसे स्थगित किया गया था.
नई कलेक्टर दरों पर संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हाल ही में नई कलेक्टर दरों को मंजूरी दी है. जिससे प्रॉपर्टी के पंजीकरण का रास्ता साफ हो गया है. इस फैसले से राज्य के खजाने में अधिक राजस्व प्राप्त करने में मदद मिलेगी. क्योंकि खरीदारों को अपनी संपत्ति नई कलेक्टर दरों पर पंजीकृत करानी होगी. जिससे सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा (revenue increase from new rates). इससे विकास कार्यों के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा.
मार्केट वैल्यू के अनुसार कलेक्टर रेट
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर जिलों में मार्केट वैल्यू का पता लगाने के बाद कलेक्टर रेट का निर्धारण किया गया था. जिला उपायुक्तों ने इस सर्वे के आधार पर मार्केट वैल्यू के अनुसार कलेक्टर रेट तय किए. जिससे खरीदारों को उच्च दरों पर अपनी संपत्ति पंजीकृत करानी होगी (adjustment of rates based on market survey). यह बढ़ोतरी जहां राजस्व में बढ़ोतरी करेगी. वहीं आम जनता की जेब पर भी बोझ बढ़ाएगी.