Business Idea: भारतीय किसान आज कल अपनी खेती से अच्छी कमाई की नई तरीकों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. चंदन की खेती (sandalwood farming) ऐसी ही एक कृषि पद्धति है जो न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है. बल्कि यह आर्थिक रूप से भी बहुत फायदेमंद साबित होती है. चंदन की लकड़ी की विश्वभर में बड़ी मांग है और यह बहुत ही महंगी बिकती है.
चंदन का पौधा
चंदन का पौधा एक परजीवी पौधा होता है. जिसे अपने जीवन के लिए दूसरे पौधों की जरूरत होती है. इसे स्वस्थ रूप से बढ़ने के लिए एक होस्ट पौधे (host plant) का सहारा लेना पड़ता है. इसकी खेती में समय और धैर्य की जरूरत होती है। क्योंकि इसमें पहली बार लकड़ी पाने में 10-15 साल का समय लग सकता है.
खेती के तरीके और देखभाल
चंदन की खेती के लिए दो प्रमुख तरीके हैं: ऑर्गेनिक (organic methods) और परंपरागत. ऑर्गेनिक विधि में पेड़ों को बिना किसी केमिकल के उगाया जाता है. जबकि परंपरागत विधि में उगाने में अधिक समय लगता है. चंदन के पेड़ों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है. क्योंकि इनकी खुशबू की वजह से चोरी का खतरा रहता है.
चंदन का बाजार और आय की संभावनाएं
चंदन की लकड़ी बाजार में उच्च कीमतों पर बिकती है. एक पेड़ से आप 5 लाख रुपये तक कमा सकते हैं और अगर आप 100 पेड़ लगाते हैं तो आपकी कमाई करोड़ों में हो सकती है. चंदन का उपयोग परफ्यूम और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है. जिससे इसकी मांग और भी बढ़ जाती है.
कानूनी पहलुओं पर विचार
2017 में बनाए गए कानून के अनुसार चंदन की लकड़ी की खरीद और बिक्री केवल सरकारी संस्थानों के माध्यम से ही की जा सकती है. यह कानून चंदन की अवैध कटाई और तस्करी को रोकने के लिए बनाया गया है. इसलिए चंदन की खेती में निवेश करने से पहले सभी कानूनी पहलुओं को समझ लेना जरूरी है.