Bank Account: बैंक खाते, डीमैट खाते और अन्य वित्तीय खातों के लिए नॉमिनी बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है. जब आप किसी बैंक में खाता खुलवाने जाते हैं, तो आपसे नॉमिनी नियुक्त करने के लिए कहा जाता है. नॉमिनी बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि खाताधारक की असमय मृत्यु होने पर खाते में जमा धनराशि को सही व्यक्ति तक पहुँचाया जा सके.
खाताधारक की मृत्यु पर नॉमिनी को मिलने वाले लाभ
यदि किसी खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके खाते में जमा सभी पैसे उसके द्वारा नामित नॉमिनी को दिए जाते हैं. यदि एक से अधिक नॉमिनी (multiple nominees) हैं, तो उन्हें समान रूप से धनराशि वितरित की जाती है. जब तक कि खाताधारक ने अन्यथा निर्दिष्ट न किया हो.
नॉमिनी का महत्व उदाहरण से समझें
अरविंद ने अपने बैंक खाते में अपनी पत्नी, मां और बहन को नॉमिनी बनाया है. अरविंद की मृत्यु होने पर उसके खाते की सारी राशि इन तीनों में समान रूप से विभाजित कर दी जाएगी. इसी तरह करण ने अपने खाते में अपनी पत्नी, मां और बहन को नॉमिनी बनाते समय यह निर्दिष्ट किया कि मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को 50% और मां व बहन को 25-25% हिस्सेदारी मिलेगी.
नॉमिनी न होने पर कानूनी प्रक्रिया
यदि किसी व्यक्ति ने अपने खाते के लिए कोई नॉमिनी नहीं बनाया है और वह मर जाता है, तो उसके खाते में जमा पैसे उसके कानूनी उत्तराधिकारियों (legal heirs) को दिए जाएंगे. इसमें विवाहित व्यक्ति के पत्नी, बच्चे और माता-पिता या अविवाहित व्यक्ति के माता-पिता और भाई-बहन शामिल हो सकते हैं. इस स्थिति में बैंक से पैसे प्राप्त करने के लिए काफी कागजी कार्यवाही (paperwork) की आवश्यकता होती है.
कैसे प्राप्त करें खाते की राशि बिना नॉमिनी के
यदि कोई खाताधारक अपने जीवनकाल में नॉमिनी नियुक्त नहीं करता है और मृत्यु हो जाती है, तो उसके कानूनी उत्तराधिकारी को खाते में जमा धनराशि प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष दस्तावेज जैसे कि मृत्यु प्रमाण पत्र, केवाईसी दस्तावेज और अन्य आवश्यक पत्राचार के साथ बैंक में आवेदन करना होगा.