Amritsar-Jamnagar Expressway: भारतीय सड़क निर्माण में एक नया मील का पत्थर स्थापित करते हुए. अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे (Amritsar-Jamnagar Expressway) देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा. इस परियोजना के 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. जिससे अमृतसर से जामनगर की दूरी में काफी कमी आएगी.
मार्ग पूरी डिटेल और यात्रा समय में कमी
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से अमृतसर से जामनगर की दूरी 1430 किलोमीटर से घटकर केवल 1256 किलोमीटर रह जाएगी (reduced travel distance). यह बदलाव यात्रा समय को भी बहुत हद तक कम कर देगा. जिससे अमृतसर से जामनगर तक की यात्रा मात्र 13 घंटे में पूरी हो सकेगी.
राज्यों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे चार महत्वपूर्ण राज्यों—राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और गुजरात को जोड़ेगा (connectivity across states). इस मार्ग की विशेषता यह है कि इससे क्षेत्रीय आर्थिक संबंध मजबूत होंगे और व्यापार में सुगमता आएगी.
टेक्नोलॉजीकल एडवासमेंट और सुरक्षा व्यवस्था
एक्सप्रेसवे पर एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Advanced Traffic Management System) लगाया जा रहा है, जो यातायात की निगरानी और नियंत्रण में क्रांति लाएगा. यह सिस्टम दुर्घटनाओं को कम करने और यात्रा के समय को और अधिक अनुकूल बनाने में मदद करेगा.
दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ाव
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे को दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे (Delhi-Katra Expressway connectivity) से भी जोड़ा जा रहा है. जो इसे उत्तर भारत के महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों से सीधे तौर पर जोड़ेगा.
एक्सप्रेसवे की आर्थिक महत्वता
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा इकनॉमिक कॉरिडोर (longest economic corridor) भी है. जिसका सबसे लंबा भाग राजस्थान में पड़ेगा. इस कॉरिडोर के बन जाने से इन राज्यों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की पूरी संभावना है.
परियोजना का वित्तीय प्रावधान
1256 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे परियोजना का कुल खर्च 80000 करोड़ रुपये (project cost) अनुमानित है, जो इसे भारतीय सड़क परियोजनाओं में एक बड़ी निवेश परियोजना बनाता है. NHAI ने इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है. जिससे इस क्षेत्र के विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी.