बाईपास पर फ्लाईओवर बनाने में सिर्फ एक कंपनी ने दिखाई दिलचस्पी, जानें कब शुरू होगा Kolkata Flyover का काम?

By Ajay Kumar

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Kolkata Flyover

Kolkata Flyover: कोलकाता के ईएम बाईपास पर मेट्रोपॉलिटन क्रशिंग से महिषबथान तक 7.1 किमी लंबा फ्लाईओवर बनाने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए टेंडर बुलाए गए थे लेकिन केवल एक कंपनी, लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने इसमें रुचि दिखाई है।

फ्लाईओवर परियोजना की विशेषताएं

यह फ्लाईओवर मेट्रोपॉलिटन क्रशिंग से महिषबथान तक बनाया जाएगा। इसकी कुल लंबाई 7.1 किमी होगी। इसका मुख्य उद्देश्य न्यूटाउन और सेक्टर-5 के बीच यातायात को सुगम बनाना है। यह परियोजना कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण (KMDA) के अंतर्गत आती है। अधिकारियों के अनुसार फ्लाईओवर के निर्माण से दोनों क्षेत्रों के बीच यात्रा का समय कम होगा और यातायात जाम से राहत मिलेगी।

निविदा प्रक्रिया में क्या हुआ?

इस परियोजना के लिए दूसरी बार निविदा प्रक्रिया शुरू की गई थी। पहली बार दो कंपनियों ने रुचि दिखाई थी लेकिन इस बार केवल लार्सन एंड टुब्रो ने ही प्रस्ताव प्रस्तुत किया। KMDA के अधिकारियों ने बताया कि बड़ी परियोजनाओं के लिए कम से कम तीन कंपनियों की भागीदारी आवश्यक होती है। हालांकि, इस मामले में, केवल एक कंपनी ने निविदा भरी है।

लार्सन एंड टुब्रो की भूमिका

लोक निर्माण मंत्री फिरहाद हकीम के अनुसार लार्सन एंड टुब्रो इस परियोजना में एकमात्र बोली लगाने वाली कंपनी है। लेकिन समस्या यह है कि एलएंडटी ने अनुमानित लागत से अधिक निविदा प्रस्तुत की है।
राज्य का वित्त विभाग इस मामले की समीक्षा कर रहा है। बिना उनकी मंजूरी के किसी एक कंपनी को यह कार्य सौंपना संभव नहीं है।

फ्लाईओवर बनने से क्या फायदे होंगे?

इस फ्लाईओवर के निर्माण से कोलकाता के निवासियों को बड़ा फायदा मिलेगा।

  • यात्रा का समय कम होगा: न्यूटाउन और सेक्टर-5 के बीच सफर अधिक सुगम और तेज होगा।
  • यातायात जाम से राहत: व्यस्त ईएम बाईपास पर वाहनों की भीड़ में कमी आएगी।
  • आर्थिक लाभ: क्षेत्रीय व्यवसायों को भी बेहतर कनेक्टिविटी से फायदा होगा।

कब शुरू होगा निर्माण कार्य?

हालांकि परियोजना की निविदा प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है लेकिन निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने इस योजना को प्राथमिकता दी है लेकिन वित्त विभाग की मंजूरी मिलना अभी बाकी है।

फ्लाईओवर परियोजनाएं अक्सर सरकार के विकासशील दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। राज्य के लोक निर्माण विभाग ने स्पष्ट किया है कि वे इस परियोजना को शीघ्र शुरू करना चाहते हैं। वहीं स्थानीय निवासी भी इस परियोजना को लेकर उत्साहित हैं।