Haryana ka mausam: जिले में पिछले 20 दिनों से मौसम में निरंतर परिवर्तन हो रहा है. जिसने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है. विशेष रूप से फतेहाबाद शहर में भी वर्षा की स्थिति बनी रही. जिसके चलते तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. शनिवार को भले ही सुबह बादल छाए रहे. लेकिन दोपहर बाद मौसम साफ हो गया और तापमान में इजाफा हुआ. अगर यही स्थिति रहती है, तो आगामी दिनों में गर्मी की लहर से गुजरना पड़ सकता है.
जुलाई में बारिश की कमी का प्रभाव (Decreased rainfall, climate impact)
इस साल जिले में जुलाई माह में बारिश की मात्रा में 21 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. जिसका प्रभाव सीधे तौर पर कृषि पर पड़ रहा है. टोहाना और जाखल में जहां हर साल अधिक बारिश होती थी. वहां इस बार बहुत कम वर्षा हुई है. फतेहाबाद खंड में इस बार थोड़ी अधिक बारिश हुई है. लेकिन यह भी औसतन से कम ही रही है.
कृषि पर मौसम की मार (Weather impact on agriculture)
कम बारिश के चलते जहां एक ओर जल संरक्षण में समस्या आ रही है. वहीं कृषि क्षेत्र में भी इसके विपरीत प्रभाव पड़ रहे हैं. कपास और नरमा जैसी फसलों में रोगों और कीटों का प्रकोप बढ़ रहा है. खासतौर पर सुंडी और सफेद मक्खी के हमले से किसानों को खेती में भारी नुकसान हो रहा है. गुलाबी सुंडी का खतरा भी किसानों को सता रहा है, जो पिछले तीन सालों से लगातार सितंबर माह में आती रही है.
फसल सुरक्षा के उपाय (Crop protection measures)
डॉ. राजेश सिहाग, उपनिदेशक कृषि एवं कल्याण विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि मौसम साफ रहने पर कीटनाशक का छिड़काव अवश्य करें. हालांकि अगर मौसम खराब होता है तो छिड़काव में देरी करनी चाहिए. इससे न केवल कीटनाशक का सही उपयोग होगा. बल्कि आर्थिक नुकसान से भी बचा जा सकेगा. कीटनाशक का चयन करते समय विशेषज्ञों की सलाह लेना बहुत जरूरी है.
आने वाले दिनों में मौसम (Future prospects)
आने वाले दिनों में मौसम के स्थिर रहने की संभावना है. जिससे किसानों को अपनी खेती की योजना बनाने में आसानी होगी. इस स्थिरता से फसलों की सुरक्षा में मदद मिलेगी और किसानों को उनकी मेहनत का उचित परिणाम मिल सकेगा. किसानों को उम्मीद है कि अगर मौसम उनके पक्ष में रहता है, तो वे इस साल अच्छी उपज प्राप्त कर सकेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.