Tomato Price: भारतीय रसोई में टमाटर और प्याज का विशेष स्थान है जिसके चलते इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है. हाल के दिनों में टमाटर की कीमतों में आई भारी गिरावट ने लोगों को बड़ी राहत दी है. इस लेख में हम जानेंगे कि केंद्र सरकार और संबंधित मंत्रालयों की क्या भूमिका रही है इस गिरावट के पीछे.
टमाटर की कीमतों में आई भारी कमी
केंद्र सरकार के अनुसार टमाटर की कीमतों में पिछले महीने से 22% की गिरावट आई है. इस गिरावट का मुख्य कारण है सप्लाई में बढ़ोतरी (increase in supply). बाजार में टमाटर की आवक बढ़ने से इसकी कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
सप्लाई चेन में सुधार
सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार सप्लाई चेन में किए गए सुधारों ने टमाटर की कीमतों को स्थिर करने में मदद की है. विशेषकर भंडारण और परिवहन की बेहतर व्यवस्था ने बाजार में टमाटर की उपलब्धता को बढ़ाया है और खुदरा मूल्यों में कमी लाने में सहायक रही है.
राज्यों में टमाटर के दामों की स्थिति
देश के प्रमुख थोक बाजारों में भी टमाटर के दामों में काफी गिरावट आई है. दिल्ली की आजादपुर मंडी महाराष्ट्र के पिंपलगांव आंध्र प्रदेश के मदनपल्ले और कर्नाटक के कोलार जैसे मुख्य टमाटर बाजारों में थोक मूल्य में 50% तक की कमी देखने को मिली है. यह कमी न केवल किसानों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी एक सुखद समाचार है.
टमाटर उत्पादन में बढ़ोतरी
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टमाटर उत्पादन की भविष्यवाणी भी उत्साहजनक है. सरकारी अनुमान के अनुसार देश में टमाटर का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 4% बढ़कर 213.20 लाख टन होने की संभावना है. यह वृद्धि भविष्य में टमाटर की कीमतों को और अधिक स्थिर करने में मदद करेगी.