Tirupati Balaji Temple: तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद की मिलावट को लेकर चल रहे विवाद ने भक्तों के बीच चिंता की लहर पैदा कर दी है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में इस मुद्दे पर ध्यान दिलाया और पिछली सरकारों पर इसे नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. इससे लोगों में यह भरोसा कम हो रहा है कि मंदिर प्रशासन शुद्धता की गारंटी दे सकता है.
बाल दान की धार्मिक महत्ता
तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान एक पवित्र अनुष्ठान है जिसमें श्रद्धालु अपने बाल भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित करते हैं. यह दान श्रद्धालुओं द्वारा अपनी आस्था और भक्ति को दिखाने का एक तरीका है. मान्यता है कि इससे उनके जीवन से सभी प्रकार की बुराईयाँ दूर होती हैं और समृद्धि आती है.
बालों की निलामी से आय
मंदिर प्रशासन द्वारा दान किए गए बालों की निलामी आयोजित की जाती है, जिससे प्राप्त धन का उपयोग मंदिर के विकास और देखभाल में किया जाता है. ये बाल विभिन्न श्रेणियों में बांटे जाते हैं और उनकी कीमत उनकी गुणवत्ता और लंबाई पर निर्भर करती है.
बालों की गुणवत्ता और वर्गीकरण
निलामी से पहले बालों को विशेष रूप से साफ किया जाता है और उन्हें उनकी लंबाई के हिसाब से वर्गीकृत किया जाता है. इस प्रक्रिया में बालों को धोया जाता है, सुखाया जाता है और उचित तापमान पर स्टोर किया जाता है ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे.
निलामी से आय का महत्व
बालों की निलामी से प्राप्त आय मंदिर के विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में उपयोग की जाती है. इससे मंदिर के ढांचे को बनाए रखने में मदद मिलती है और तीर्थयात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं.