Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार जो व्यक्ति अपने जीवन में झूठ का समर्थन करते हैं. उनका अंत सुखद नहीं होता. आचार्य चाणक्य का कहना है कि ऐसे लोग न केवल समाज में अपनी प्रतिष्ठा खो देते हैं. बल्कि आत्मिक रूप से भी परेशान रहते हैं. ऐसे व्यक्तियों को अक्सर अपने झूठ के चलते कई तरह की सामाजिक और नैतिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
आज के समय में भी चाणक्य की नीतियों का महत्व कम नहीं हुआ है. उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अगर व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में उतारा जाए तो कई प्रकार के संकटों से बचा जा सकता है. उनकी नीतियाँ न केवल व्यक्ति के चरित्र निर्माण में मदद करती हैं. बल्कि समाज के नैतिक ढांचे को मजबूत करने में भी सहायक होती हैं.
अपराधी का साथ देने वाले की दुर्गति
चाणक्य नीति के मुताबिक जो व्यक्ति अपराधियों का समर्थन करते हैं या उनकी मदद करते हैं. वे भी कर्म के हिसाब से दोषी समझे जाते हैं. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग समाज में सम्मान नहीं पा सकते और उन्हें अक्सर आंतरिक अशांति और दुखों का सामना करना पड़ता है. ऐसे व्यक्तियों को उनके कर्मों की सजा इस जीवन में ही मिल जाती है.
समाज में झूठ का प्रभाव
झूठ बोलना और झूठे लोगों का समर्थन करना न केवल व्यक्तिगत जीवन में बल्कि समाज में भी नकारात्मक प्रभाव डालता है. चाणक्य का मानना था कि ऐसे व्यक्ति अपने आसपास के माहौल को भी प्रदूषित करते हैं. समाज में झूठ और छल-कपट की प्रवृत्ति से विश्वास और सामाजिक संबंधों में कमी आती है, जो समग्र सामाजिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
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