हरियाणा में एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से दो घंटे की हड़ताल का आयोजन किया। यह हड़ताल सिविल अस्पताल में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक चली। हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी विभिन्न मांगों को उजागर किया। इस दौरान अस्पताल की अंबुलेंस सेवाएं, लेबर रूम सेवाएं, मनोचिकित्सा विभाग और टीकाकरण कार्यक्रम सभी प्रभावित हुए।
आंदोलन के पीछे की वजहें
एनएचएम कर्मचारी संघ और स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ के संयुक्त आह्वान पर यह हड़ताल की गई थी। मुख्य मांगें जिन्हें लेकर कर्मचारियों ने यह कदम उठाया, वे थीं – बेहतर वेतनमान, स्थायी नौकरी की सुरक्षा और कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाएं। इसके अलावा पहले घोषित तीन दिवसीय हड़ताल को स्थगित करते हुए यह दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की गई। ताकि 25 जुलाई को मिशन निदेशक, एनएचएम के साथ निर्धारित वार्ता का अवसर प्राप्त हो सके।
आगामी योजनाएँ और संभावित हड़ताल
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि 25 जुलाई को मिशन निदेशक के साथ होने वाली बातचीत में संतोषजनक समाधान नहीं निकलता है, तो कर्मचारी 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। यह धमकी इस बात का संकेत है कि कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब दे रहा है और वे अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं। विपिन शर्मा ने यह भी बताया कि कर्मचारियों को पिछले 26 वर्षों से उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है और सातवें वेतन आयोग के तहत उचित वेतन वृद्धि का लाभ भी नहीं मिल रहा है।
वेतन भुगतान में विलंब के आरोप
कर्मचारियों का आरोप है कि उनके दो महीने के वेतन का बजट अधिकारियों ने जानबूझकर रोक रखा है। जब वे अपनी मांगों के साथ सरकार के पास जाते हैं। तो उन्हें एकमुश्त वेतन देने के लिए नाकाफी प्रयास किए जाते हैं। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश और बढ़ जाता है। इस स्थिति में यदि मिशन निदेशक उनकी मांगों को पूरा करने में असफल रहते हैं। तो उन्हें अनिश्चितकालीन हड़ताल की ओर बढ़ना पड़ सकता है।