भारतीय रेलवे का विस्तार न केवल भारत के अंदरूनी हिस्सों में है. बल्कि यह अपनी सीमाओं को पार कर अन्य देशों तक भी पहुंचता है. लाखों लोग रोजाना ट्रेन के माध्यम से अपनी मंजिल तक पहुँचते हैं. लेकिन भारत की एक खास ट्रेन है जो न सिर्फ देशी मार्गों पर दौड़ती है. बल्कि विदेशी धरती तक अपने यात्रियों को ले जाती है. यह ट्रेन है मैत्री एक्सप्रेस जो कोलकाता से बांग्लादेश के ढाका तक जाती है.
मैत्री एक्सप्रेस
मैत्री एक्सप्रेस न केवल दो नगरों को जोड़ती है, बल्कि यह दो देशों के बीच की संस्कृति और समाज को भी आपस में बांधती है. यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के कोलकाता से शुरू होकर 375 किलोमीटर की यात्रा करके बांग्लादेश के ढाका तक जाती है, जिसे पूरा करने में इसे लगभग 9 घंटे का समय लगता है.
बांग्लादेश की यात्रा
मैत्री एक्सप्रेस का यह सफर दो प्रमुख नदियों, पद्मा और यमुना के किनारों से होकर गुजरता है. यह यात्रा न केवल दो शहरों को जोड़ती है. बल्कि यात्रियों को उस खूबसूरत प्राकृतिक परिदृश्य का भी अनुभव कराती है जो इस रास्ते में आता है.
सप्ताह में केवल एक बार यात्रा
मैत्री एक्सप्रेस की सेवाएं हालांकि सप्ताह में केवल एक बार ही उपलब्ध होती हैं. जिससे यात्रियों को अपनी यात्राओं की योजना बनाने में कुछ सीमित विकल्प मिलते हैं. हाल ही में बांग्लादेश में फैली हिंसा के कारण इस ट्रेन को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया गया है. पूर्व रेलवे के मुताबिक यह ट्रेन 20 जुलाई से बंद है और इसे फिलहाल फिर से शुरू करने की संभावना नहीं है.
बांग्लादेश रेलवे के अनुरोध पर मैत्री एक्सप्रेस रद्द
बांग्लादेश रेलवे के अनुरोध पर 20 जुलाई से मैत्री एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है और यह निर्णय आपसी सहमति से लिया गया है. रद्द की गई टिकटों के लिए यात्रियों को कुल 812890 रुपये की राशि वापस की गई है. यह दिखाता है कि रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को कितना महत्व देता है.
आगे की राह
मैत्री एक्सप्रेस के भविष्य के परिचालन पर फिलहाल बांग्लादेश में स्थिरता का इंतजार है. दोनों देशों के बीच की यह रेल सेवा न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करती है और इसकी बहाली से दोनों देशों के नागरिकों के लिए फिर से यात्रा के दरवाजे खुल सकते हैं.