Old Age Home: “बूढ़ी औरत की बाहों में रो रही स्कूल ड्रेस में यह बच्ची” यह तस्वीर न केवल एक छवि है. बल्कि यह उन अटूट बंधनों की कहानी कहती है जो हमारे समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान और प्रेम को दर्शाती है. यह फोटो वर्ल्ड फ़ोटोग्राफ़ी डे (World Photography Day) पर 2007 में कैप्चर की गई थी और अब फिर से सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रही है.
एक अनपेक्षित मुलाकात का दर्द
यह दृश्य वृद्धाश्रम में एक अनपेक्षित मुलाकात का है जहाँ एक बच्ची अपनी स्कूल की यात्रा के दौरान अपनी दादी से मिलती है. बच्ची को यह नहीं पता था कि उसकी दादी को वृद्धाश्रम (old age home) में छोड़ दिया गया है; उसे यह बताया गया था कि वह रिश्तेदारों से मिलने गई हैं. इस मुलाकात ने बच्ची को गहरे दुख और सदमे में डाल दिया.
फोटोग्राफ़ी की ताकत
यह फोटो कल्पेश एस भरेच द्वारा 12 सितंबर 2007 को ली गई थी और यह सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ ही लोगों की आंखों में आंसू लाने में सफल रही. इस तस्वीर ने न केवल भावनाओं को छुआ बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे बुजुर्गों को समाज में अक्सर उपेक्षित किया जाता है.
वृद्धाश्रम की यात्रा का असर
इस घटना ने न केवल उस बच्ची की जिंदगी को प्रभावित किया. बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए एक सबक भी बन गया जो इस तस्वीर को देख रहे थे. इसने समाज में वृद्धों की देखभाल और सम्मान के महत्व को फिर से उजागर किया.