Mughal Empire: भारत में मुगल काल का ऐतिहासिक महत्व बहुत गहरा है. इस दौरान कई चीजें ऐसी थीं, जिन्हें मुगलों ने अपनाया और उनके माध्यम से दुनिया भर में प्रसारित किया गया. ऐसी ही एक चीज है “खिचड़ी” जो एक साधारण लेकिन पोषण से भरपूर भोजन है. इस खिचड़ी का जिक्र मुगल इतिहासकार अबुल फजल ने अपनी किताब ‘आइना ए अकबरी’ में भी किया है. इस लेख में हम खिचड़ी के महत्व उसके मुगल काल में प्रसार और वर्तमान समय में उसकी लोकप्रियता पर चर्चा करेंगे.
खिचड़ी (Healthy Diet)
खिचड़ी भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह साधारण तौर पर दाल और चावल से बनी होती है. लेकिन इसके अलग-अलग प्रकार भी होते हैं. मुगलों ने इस साधारण पकवान को अपने ढंग से तैयार कर उसे विशेष बना दिया. कहते हैं कि जहांगीर को पिस्ता और किशमिश डालकर बनी मसालेदार खिचड़ी बेहद पसंद थी. वहीं औरंगजेब को मछली और उबले अंडे डालकर बनाई गई खिचड़ी अधिक भाती थी. इस डिश की खासियत है कि यह शरीर को ताकतवर और तगड़ा बनाने में मदद करती है. जिसे ‘Healthy Diet’ के तौर पर जाना जाता है.
मुगलों की पसंद मसालेदार खिचड़ी (Spicy Khichdi)
मुगल काल में खिचड़ी का महत्व इतना बढ़ गया था कि यह न केवल साधारण जनता बल्कि मुगल बादशाहों के लिए भी एक पसंदीदा भोजन बन गई थी. आइना ए अकबरी में यह बताया गया है कि अकबर से लेकर औरंगजेब तक सभी मुगल बादशाह खिचड़ी को पसंद करते थे. जहांगीर की मसालेदार खिचड़ी में पिस्ता और किशमिश का उपयोग किया जाता था. जो इसे ‘Spicy Khichdi’ के रूप में प्रचलित कर गया.
खिचड़ी का प्राचीन इतिहास (Ancient History of Khichdi)
खिचड़ी का जिक्र भारत के प्राचीन इतिहास में भी मिलता है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार खिचड़ी का सबसे पहला जिक्र हजारों साल पहले मिलता है. यह शब्द संस्कृत के “खिच्चा” शब्द से लिया गया है. जिसका मतलब दाल और चावल से बनी डिश से है. धीरे-धीरे इस डिश ने अलग-अलग रूप धारण कर लिए जैसे बाजरा खिचड़ी जो शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होती है.
खिचड़ी की आधुनिक प्रसिद्धि (Modern Popularity of Khichdi)
आज के समय में खिचड़ी की लोकप्रियता न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बढ़ी है. इसे एक ‘Complete Diet’ के रूप में देखा जाता है, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ बुढ़ापे के लक्षणों को दूर करने में भी मदद करता है. यह डिश आज भी भारतीय खाने का एक अहम हिस्सा है और कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे ‘Healthy Food’ के तौर पर सलाह देते हैं.