गर्मी के मौसम में एयर कंडीशनर (AC) हमारे घरों में एक अनिवार्य उपकरण बन जाता है। बाजार में विभिन्न प्रकार के AC मौजूद हैं। जिनमें नॉन इनवर्टर और इनवर्टर AC प्रमुख हैं। कुछ मॉडलों में इनबिल्ट स्टेबलाइजर भी शामिल होते हैं। जो वोल्टेज फ्लक्चुएशन्स को संभालने में सहायक होते हैं। लेकिन यह सोचना कि स्टेबलाइजर में अलग से निवेश न करके इनबिल्ट स्टेबलाइजर वाला AC खरीदा जाए, यह एक गलती हो सकती है।
स्टेबलाइजर की आवश्यकता क्यों?
जब भी AC खरीदने की बात आती है, तो यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि स्टेबलाइजर का होना क्यों जरूरी है। AC की दक्षता और दीर्घकालिक प्रदर्शन सीधे तौर पर वोल्टेज की स्थिरता पर निर्भर करती है। वोल्टेज में उतार-चढ़ाव AC के कंप्रेसर पर असाधारण दबाव डाल सकते हैं। जिससे इसकी आयु कम हो सकती है और मरम्मत की लागत बढ़ सकती है।
वोल्टेज प्रोटेक्शन का महत्व
वोल्टेज प्रोटेक्शन की मुख्य भूमिका यह है कि यह वोल्टेज के अचानक उतार-चढ़ाव को संतुलित करता है। एक अच्छा स्टेबलाइजर बिजली के फ्लक्चुएशन को अपने आप संभाल लेता है। जिससे AC की सुरक्षा सुनिश्चित होती है और इसके जल्दी खराब होने का खतरा कम होता है।
बिना स्टेबलाइजर के नुकसान
यदि AC को बिना स्टेबलाइजर के चलाया जाता है, तो वोल्टेज के कम या ज्यादा होने पर कंप्रेसर पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है। इससे AC के जल्दी खराब होने के साथ-साथ, ऊर्जा की खपत भी बढ़ती है। जो कि बिजली के बिल पर भी भारी पड़ता है।
बढ़ते बिजली के बिल और समाधान
जब वोल्टेज कम या ज्यादा होता है, तो AC का कंप्रेसर अधिक मेहनत करता है। जिससे इसका प्रभाव बिजली के मीटर पर पड़ता है। भारी लोड की वजह से हर महीने ज्यादा बिजली का बिल आने की संभावना बढ़ जाती है।
घरेलू उपकरणों की सुरक्षा
यदि आपके घर में टीवी, फ्रिज, प्रेस, पंखा और AC जैसे उपकरण हैं, तो 220 से 240 वोल्टेज बनाए रखना अत्यंत जरूरी है। स्टेबलाइजर की उपस्थिति से इन उपकरणों को वोल्टेज फ्लक्चुएशन्स से बचाया जा सकता है। जिससे इनकी दीर्घायु सुनिश्चित होती है और रखरखाव की लागत कम होती है।