भारतीय रेलवे ने अपने कोचों पर सोलर पैनल लगाने की पहल करते हुए ऊर्जा संरक्षण की दिशा में एक नई पहल की है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करेगी। बल्कि ऊर्जा की खपत में भी भारी बचत करेगी। आइए जानते हैं इस पहल के विस्तार से बारे में।
सोलर पैनल का प्रयोग
उत्तर रेलवे द्वारा शुरू किए गए इस प्रयोग को अब पूर्वोत्तर रेलवे सहित अन्य जोन में भी लागू किया जा रहा है। सोलर पैनल लगाने का मुख्य उद्देश्य रेल कोचों में उपयोग होने वाली बिजली की खपत को कम करना है। इससे रोशनी के साथ-साथ पंखे और एयर कंडीशनर भी चल सकेंगे।
ऊर्जा की बचत
प्रारंभिक परीक्षणों में यह पाया गया कि प्रत्येक ट्रेन द्वारा डीजल की बचत हो रही है। जिससे कि अनावश्यक ईंधन खर्च में कमी आई है। यह न केवल रेलवे के लिए वित्तीय बचत है। बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक बड़ा कदम है। सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली से कोच की सभी बिजली संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।
अतिरिक्त यात्री डिब्बे
पावर कार को हटाने के बाद रेलगाड़ियों में दो अतिरिक्त यात्री डिब्बे लगाने की संभावना बनती है। यह न केवल यात्री क्षमता को बढ़ाएगा। बल्कि यात्रियों को पावर कार के शोर और धुआँ से भी राहत प्रदान करेगा।
पर्यावरणीय प्रभाव
सोलर पैनलों के उपयोग से न केवल ऊर्जा की बचत होगी। बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और वायु प्रदूषण के स्तर में भी सुधार होगा।