MNP New Rule: दूरसंचार नियामक टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल ही में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं. यह नियम उन टेलीकॉम यूजर्स के लिए हैं जो अपने मोबाइल ऑपरेटर को बदलना चाहते हैं. लेकिन उन्हें अपना मोबाइल नंबर बदलने की इच्छा नहीं है. इन गाइडलाइंस का मकसद उपभोक्ताओं को अधिक स्पष्टता प्रदान करना और उनके अनुभव को सुगम बनाना है.
पोर्टिंग प्रक्रिया का सरलीकरण
TRAI ने कहा है कि MNP एक ऐसी सेवा है. जिसमें ग्राहक अपने मोबाइल नंबर को बिना बदले किसी दूसरे नेटवर्क में स्थानांतरित कर सकते हैं. इस प्रक्रिया में उपभोक्ता का मौजूदा ऑपरेटर, नया ऑपरेटर और मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस प्रोवाइडर (MNPSP) शामिल होते हैं. मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सर्विस प्रोवाइडर दोनों ऑपरेटर्स के बीच पोर्टिंग की प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है.
ऑपरेटर बदलने की पात्रता और शर्तें
कुछ विशेष परिस्थितियां हैं जिनमें उपभोक्ता अपने ऑपरेटर को नहीं बदल सकते:
- अगर किसी यूजर ने अपने मौजूदा टेलीकॉम ऑपरेटर की सर्विस 90 दिनों से कम समय के लिए इस्तेमाल की है, तो वे MNP के लिए पात्र नहीं होंगे.
- अगर यूजर के नंबर की ओनरशिप ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही हो.
- पोस्टपेड यूजर्स जिन्होंने मौजूदा ऑपरेटर का बिल नहीं चुकाया हो.
- अगर यूजर का नंबर किसी अदालती आदेश से प्रतिबंधित हो.
- जिस नंबर के लिए पोर्टिंग की मांग की गई है वह अगर किसी न्यायालय में विचाराधीन हो.
बढ़ती हुई मांग और BSNL में पोर्टिंग
हाल के महीनों में जब निजी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने प्लान्स की कीमतें बढ़ाईं, तो बहुत सारे यूजर्स ने BSNL में अपना नंबर पोर्ट करना प्रारंभ किया. अगर आप भी अपने टेलीकॉम ऑपरेटर को बदलना चाहते हैं, तो ट्राई की नई गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए.