TRAI: सरकार ने बैंकिंग और ई-कॉमर्स सेक्टर में फ्रॉड और स्पैम को रोकने के लिए एक ठोस योजना (solid plan) तैयार की है. इस योजना के अंतर्गत आगामी महीने से बैंकिंग और ई-कॉमर्स क्षेत्र के मैसेजेस को पूर्ण रूप से सुरक्षित बनाया जाएगा. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 31 अगस्त की समय सीमा तय की है. जिसके बाद व्हाइटलिस्ट (whitelist) में शामिल न होने वाले मैसेजेस को ब्लॉक कर दिया जाएगा.
URL और OTP लिंक्स पर विशेष नियंत्रण (Special Control on URL and OTP Links)
इस नए सिस्टम के अंतर्गत विशेष रूप से उन मैसेजेस पर नजर रखी जाएगी जिनमें URL, OTP लिंक्स, APK फाइलें या कॉल-बैक नंबर शामिल होते हैं. इस तरह के मैसेजेस अक्सर स्पैम और फ्रॉड के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. टेलिकॉम कंपनियों जैसे एयरटेल (Airtel), वोडाफोन-आइडिया (Vodafone-Idea), जियो (Jio) और बीएसएनएल (BSNL) को निर्देश दिया गया है कि वे अपने डेटाबेस में रजिस्टर्ड न होने वाले मैसेज और कॉल्स को ब्लॉक करें.
बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स पर असर (Impact on Banks and Financial Institutions)
ट्राई के नए नियमों के अनुसार बैंक और वित्तीय संस्थानों को भी 31 अगस्त तक अपने सभी मैसेजिंग टेम्पलेट्स और कंटेंट को टेलिकॉम ऑपरेटरों के साथ रजिस्टर करना होगा. इस कदम से उन्हें अपने ग्राहकों को सुरक्षित संदेश प्रेषित करने में मदद मिलेगी और स्पैम को रोकने में सहायता मिलेगी.
नया सिस्टम कैसे कार्य करेगा (How the New System Will Work)
नई व्यवस्था के तहत जब भी कोई बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन अपने ग्राहकों को मैसेज भेजेगा, तो पहले उसे व्हाइटलिस्ट में जोड़ा जाएगा. अगर यह व्हाइटलिस्ट में नहीं होता, तो उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा. इस प्रक्रिया से ग्राहकों को सुरक्षित और विश्वसनीय संदेश प्राप्त होंगे और फ्रॉड के खतरे को कम किया जा सकेगा.
टेलिकॉम कंपनियों की चुनौतियाँ और आग्रह (Challenges and Requests of Telecom Companies)
इस नई व्यवस्था को लागू करने में टेलिकॉम कंपनियों को कई चुनौतियाँ का सामना करना पड़ रहा है. वे इस बदलाव को लागू करने के लिए अधिक समय की मांग कर रहे हैं. सरकार और ट्राई के साथ उनकी चर्चाएँ जारी हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नया सिस्टम कुशलतापूर्वक और बिना किसी बाधा के लागू हो सके.