भारतीय दूरसंचार उद्योग में बीएसएनएल का एक प्रमुख स्थान रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से कंपनी तकनीकी अपग्रेडेशन में पिछड़ गई है। हाल ही में सरकार ने संसद को जानकारी दी कि बीएसएनएल के 4G सेवाओं का रोल आउट जून 2025 तक पूरा होगा। इस समय तक कंपनी ने केवल 1000 साइट्स पर 4G सेवाएँ शुरू की हैं।
जबकि उसका लक्ष्य एक लाख साइट्स पर यह सेवाएं उपलब्ध कराना है। यह जानकारी देश की टेलीकॉम प्रोजेक्ट्स और टेक्नोलॉजी अपडेट पर केंद्रित है। जिसमें बीएसएनएल की महत्वपूर्ण भूमिका है।
बजट 2024 और बीएसएनएल को बड़ा आवंटन
केंद्र सरकार ने बजट 2024 में दूरसंचार प्रोजेक्ट्स और सरकारी टेलिकॉम कंपनियों के लिए 1.28 लाख करोड़ रुपये का बड़ा बजट आवंटित किया है। इसमें से 82,916 करोड़ रुपये का विशेष आवंटन बीएसएनएल के टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन और बुनियादी ढांचे को सुधारने पर खर्च किया जाएगा। इस वित्तीय सहायता से बीएसएनएल को अपनी सेवाओं को और अधिक विस्तारित करने और आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी।
टेलीकॉम मंत्री का दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता
टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में बताया कि बीएसएनएल के 4G टेक्नोलॉजी के पूरे ढांचे को राष्ट्रीय गौरव के रूप में देखा जाना चाहिए। मंत्री ने यह भी कहा कि कंपनी घरेलू प्रोडक्ट्स को अपनाने के कठिन रास्ते पर चल रही है, जो कि दीर्घकालिक लाभ के लिए महत्वपूर्ण है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह स्वयं इस प्रोजेक्ट के दैनिक लक्ष्यों की निगरानी करेंगे। जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रोजेक्ट समय पर और सही ढंग से पूरा हो।
भविष्य की तैयारियाँ और चुनौतियाँ
बीएसएनएल की यह पहल न केवल टेक्नोलॉजिकल उन्नति का प्रतीक है। बल्कि यह भारतीय टेलिकॉम उद्योग में स्थिरता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इस प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन से बीएसएनएल को न केवल बाजार में पुनर्स्थापित करने में मदद मिलेगी।
बल्कि यह भारत को दूरसंचार क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धी बनाने में भी सहायक होगा। यह विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण है जब दुनिया 5G की ओर अग्रसर है और भारत अभी भी 3G और 4G सेवाओं के विस्तार में लगा हुआ है।