भारत के प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा की। कंपनी ने बताया कि उसने अपने 5G नेटवर्क की बढ़ती हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने मिड-बैंड स्पेक्ट्रम को नए सिरे से व्यवस्थित करना शुरू कर दिया है। इस नए उपाय से देश भर में 5G सेवाओं का विस्तार होगा। जिससे अधिक से अधिक ग्राहक इस तेज़ और विश्वसनीय नेटवर्क सेवा का लाभ उठा सकेंगे।
मिड-बैंड स्पेक्ट्रम के लाभ
एयरटेल ने अपने 1800, 2100, 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड पर 5G सेवाओं को बढ़ाने के लिए मिड-बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग किया है। इस उपाय से ग्राहकों को बेहतर इनडोर कवरेज के साथ-साथ पहले से अधिक तेज़ गति की ब्राउज़िंग का अनुभव मिलेगा। जैसे-जैसे डेटा की मांग में वृद्धि होती जा रही है। एयरटेल ने अपने नेटवर्क को अधिक कुशलता से व्यवस्थित करने की पहल की है।
पायलट परीक्षण और उनके परिणाम
एयरटेल ने स्टैंड-अलोन (SA) और नॉन-स्टैंडअलोन (NSA) स्विच के पायलट परीक्षण रेवाड़ी, चेन्नई और भुवनेश्वर में किए हैं। इन परीक्षणों के परिणाम बेहद उत्साहजनक रहे हैं। जिससे कंपनी को अपने 5G नेटवर्क को और विस्तारित करने का आत्मविश्वास मिला है। इससे ग्राहकों को न केवल तेज़ गति मिलेगी। बल्कि वे नई एप्लिकेशन और सेवाओं का भी लाभ उठा सकेंगे।
एयरटेल की 5G कार्यक्षमता
पिछले एक साल में एयरटेल ने विभिन्न उद्योगों में 5G की कार्यक्षमता का प्रदर्शन किया है। जिसने ग्राहकों के जीवन और व्यापारिक प्रणालियों में क्रांति ला दी है। इस तकनीकी प्रगति ने व्यापारिक दक्षता और ग्राहक संतुष्टि में अभूतपूर्व वृद्धि की है। एयरटेल का 5G नेटवर्क अब भारत के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। जिससे यह देश में सबसे तेज़ रोल-आउट वाली सेवा बन गई है।
एयरटेल के भविष्य की दिशा
एयरटेल न केवल दूरसंचार सेवाओं में अग्रणी है। बल्कि यह डिजिटल भुगतान, वित्तीय सेवाएं और एंटरप्राइज़ समाधान जैसे क्षेत्रों में भी नई तकनीक कर रहा है। एयरटेल की योजना भविष्य में और अधिक जबरदस्त तकनीक और समाधान प्रदान करने की है। जिससे उपभोक्ताओं को एक साथ और संतोषजनक डिजिटल अनुभव मिल सके।