Supreme Court: भारत में प्रॉपर्टी के कब्जे के मामले आम हैं और अक्सर ये मामले काफी उलझे हुए होते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पूना बनाम मोती राम केस में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. जिसमें स्पष्ट किया गया कि किसी व्यक्ति को दूसरे की प्रॉपर्टी पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है. यह फैसला उन सभी के लिए एक नजीर बन गया है जो इस प्रकार के झमेले से गुजर रहे हैं.
आपके अधिकार और कानूनी प्रक्रिया
सर्वोच्च अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर प्रॉपर्टी का टाइटल आपके पास है तो आप बिना कोर्ट के मुकदमा दायर किए भी उस पर से कब्जा खाली करा सकते हैं. बशर्ते आपको इसके लिए उचित तरीका अपनाना होगा. यह बात उन लोगों के लिए जानकारी का स्रोत हो सकती है. जिन्हें अपनी प्रॉपर्टी से कब्जा खाली कराना है.
स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट का महत्व
संपत्ति से गैर कानूनी कब्जा खाली कराने के लिए स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट की धारा 5 का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह धारा प्रॉपर्टी मालिकों को उनकी प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार देती है. इस अधिनियम के तहत मालिकों को अपनी प्रॉपर्टी की सुरक्षा के लिए कोर्ट से स्टे आर्डर भी मिल सकता है.
पूना राम का मामला एक उदाहरण
पूना राम का मामला एक उदाहरण है कि कैसे अदालतें संपत्ति के मामलों में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करती हैं और न्याय प्रदान करती हैं. उन्होंने अपनी खरीदी गई जमीन पर से मोती राम का कब्जा खाली करवाने के लिए अदालत का सहारा लिया और अंततः न्याय प्राप्त किया. यह मामला उन सभी के लिए एक सबक है जो कानूनी रूप से अपनी प्रॉपर्टी की रक्षा करना चाहते हैं.