PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PM Awas Yojana) को भारत सरकार ने वर्ष 2028-29 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस फैसले के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में आवास से वंचित व्यक्तियों की पहचान करने के लिए सर्वेक्षण करने का कदम उठाया है. सर्वेक्षण की तिथियां शीघ्र ही घोषित की जाएंगी.
सर्वेक्षण में नए पैरामीटर्स
इस नए सर्वेक्षण में चिन्हांकन के पैरामीटर में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं. अब सभी एक या दो कमरे के कच्ची दीवारों वाले और कच्ची छतों वाले मकानों में रहने वाले परिवार, आश्रयहीन, बेसहारा, भिखारी, हाथ से मैला ढोने वाले, आदिम जनजाति के सदस्य और मुक्त बंधुआ मजदूर भी आवास योजना के पात्र के रूप में शामिल किए गए हैं.
पारदर्शी कार्यान्वयन की दिशा
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister) ने उत्तर प्रदेश में सर्वेक्षण के उचित और पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलाधिकारियों को दिशानिर्देश जारी किए हैं. उन्होंने निर्देश दिया है कि किसी भी पात्र लाभार्थी को सूची से वंचित न रहने दिया जाए और सर्वेक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो.
आवास योजना के तहत लोन सुविधा
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास आवंटन के लिए लोन की सुविधा भी दी जाती है. बेघर और किराएदार परिवारों को घर खरीदने के लिए आवेदन देने का मौका मिलता है. जिसमें वे 10 प्रतिशत की अंशदान राशि जमा करके लॉटरी प्रणाली के तहत घर आवंटित करा सकते हैं. इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों में आवंटन पत्र की छायाप्रति, पेन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, शपथ पत्र, 6 माह का बैंक स्टेटमेंट, वेतन प्रमाण पत्र, 3 पासपोर्ट साइज फोटो, किरायानामा और जमा की गई राशि के रसीद की छायाप्रति शामिल हैं.
लक्ष्य और अपेक्षाएं
सरकार का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से देश के हर वंचित व्यक्ति को उचित और स्थायी आवास प्रदान करना है. इसके साथ ही योजना के विस्तार से उम्मीद की जा रही है कि अधिक से अधिक पात्र लाभार्थियों तक यह सुविधा पहुंच सकेगी और ग्रामीण भारत की आवासीय समस्याओं का समाधान होगा.