MNREGA YOJANA में इन लोगो को नहीं मिलेगा काम, जॉब कार्ड पर होगी बड़ी कार्रवाई

By Vikash Beniwal

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These people will not get work in MNREGA scheme

MNREGA YOJANA: महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिसे मनरेगा (MNREGA) के नाम से जाना जाता है. भारतीय सरकार की एक प्रमुख पहल है जो ग्रामीण इलाकों के लोगों को कम से कम सौ दिन के रोजगार की गारंटी देती है. यह योजना न केवल गांवों में बल्कि शहरी इलाकों के बेरोजगार मजदूरों के लिए भी आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान करती है.

काम न मांगने वाले मजदूरों पर सरकार की नज़र (Government’s Focus on Non-Active Workers)

जानकारी के मुताबिक कई लोगों ने मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड (Job Card) तो बनवा लिए हैं लेकिन उन्होंने काफी समय से काम की मांग नहीं की है. इससे यह संकेत मिलता है कि संभवत: ये मजदूर अन्य स्रोतों से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं या अन्य कारणों से काम नहीं मांग रहे हैं. सरकार ने इस पर ध्यान देते हुए ऐसे मजदूरों के जॉब कार्ड ब्लॉक (Job Card Block) करने की योजना बनाई है ताकि वास्तव में जरूरतमंद लोगों को योजना का लाभ मिल सके.

जॉब कार्ड ब्लॉक करने की प्रक्रिया (Process of Blocking Job Cards)

सरकार ने घोषणा की है कि वे मनरेगा जॉब कार्ड धारकों का सत्यापन करेंगे और जो मजदूर साल भर में काम की मांग नहीं करते हैं. उनके जॉब कार्ड को ब्लॉक कर दिया जाएगा. इससे उन मजदूरों को नुकसान (Loss of Benefits) होगा जो मनरेगा के तहत काम नहीं कर पाएंगे. यह कदम योजना के दुरुपयोग को रोकने और उसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाया जा रहा है.

काम न मांगने के पीछे के कारण (Reasons Behind Not Seeking Work)

कई मजदूरों ने मनरेगा के तहत काम की मांग इसलिए नहीं की क्योंकि वे अन्य राज्यों में अधिक मजदूरी पर काम करने चले गए हैं. कोरोना महामारी के दौरान जब शहरी क्षेत्रों में नौकरियां गईं, तो मनरेगा ने इन मजदूरों को सहारा दिया था. लेकिन महामारी के बाद जब स्थितियां सामान्य हुईं, तो वे फिर से अन्य जगहों पर काम करने चले गए.

मनरेगा जॉब कार्ड का सत्यापन कैसे होगा (Verification of MNREGA Job Cards)

सत्यापन प्रक्रिया में सरकारी अधिकारी उन मजदूरों की पहचान करेंगे. जिन्होंने एक वर्ष में काम की मांग नहीं की है. इसके लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर टीमें गठित की जाएंगी जो जॉब कार्ड धारकों की जानकारी को अपडेट करेंगी और निष्क्रिय धारकों को चिह्नित करेंगी. इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल वास्तव में जरूरतमंद व्यक्तियों को ही योजना का लाभ मिले.

Vikash Beniwal

मेरा नाम विकास बैनीवाल है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 4 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का अच्छा अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी बीट पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.