Ration Card: राशन कार्ड भारत के करोड़ों नागरिकों के लिए न केवल पहचान का दस्तावेज है. बल्कि यह गरीबी रेखा (Below Poverty Line) से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. केंद्र सरकार ने कोरोनाकाल के दौरान भारत के 80 करोड़ परिवारों को मुफ्त में चावल वितरण (Free Rice Distribution) का फैसला किया था, जो अब भी जारी है. यह उपाय खाद्य संकट को कम करने में मददगार साबित हुआ है.
राशन कार्ड से चावल वितरण का भविष्य
हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है कि केंद्र सरकार ने राशन कार्ड से चावल का वितरण बंद करने का फैसला किया है (Rice Distribution Cease). इसके बदले में राशनकार्ड धारकों को गेहूं, दालें, चना, चीनी, नमक, सरसों का तेल, आटा, सोयाबीन और मसाले दिए जाएंगे. यह निर्णय नागरिकों के खाने में पोषण स्तर (Nutritional Value) को बढ़ाने और उनकी सेहत में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है.
छत्तीसगढ़ में नया नियम का प्रभाव
इस बीच, छत्तीसगढ़ जैसे बम्पर चावल उत्पादन (Rice Production State) करने वाले राज्य में भी यह नया नियम लागू होने की संभावना पर विचार किया जा रहा है. यदि यह नियम लागू होता है, तो यहाँ के उत्पादित चावल की खपत को लेकर चिंताएं उठ रही हैं. हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई औपचारिक सर्कुलर या आदेश जारी नहीं हुआ है. इसलिए राज्य में चावल का वितरण बंद होने की संभावना नगण्य है.
राशन कार्ड का महत्वपूर्ण वेरिफिकेशन
छत्तीसगढ़ में इन दिनों राशन कार्डों का वेरिफिकेशन (Ration Card Verification) का कार्य जारी है. इस प्रक्रिया में राशन कार्ड धारकों को अपने आधार के साथ केवाईसी करानी जरूरी है. ताकि वे निर्बाध रूप से राशन प्राप्त कर सकें. इसके अभाव में राशन मुहैया नहीं कराया जाएगा.
राशन कार्ड वेरिफिकेशन की प्रक्रिया
राशन कार्ड वेरिफिकेशन करने के लिए नागरिकों को उनकी नियमित राशन दुकान पर जाना होता है. वहाँ राशन डीलर से वेरिफिकेशन करवाने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज़ मांगे जाते हैं. राशन वितरण डिवाइस पर व्यक्ति जानकारी भरने के बाद फिंगरप्रिंट स्कैनर मशीन पर फिंगर प्रिंट (Fingerprint Verification) लिया जाता है और डिटेल्स ऑनलाइन सबमिट होते ही वेरिफिकेशन पूरा हो जाता है. इस प्रकार के कदम राशन वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने में मदद करते हैं.