हरियाणा सरकार द्वारा लॉन्च की गई हैप्पी कार्ड योजना। जिसमें वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपए तक वाले परिवारों को सालाना 1000 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की गई थी। अब कुछ नए मुद्दों से जूझ रही है। इस योजना का कुछ लोगों द्वारा दुरुपयोग शुरू कर दिया गया है। जिससे सरकार और रोडवेज विभाग को नुकसान हो रहा है।
रोडवेज को हो रहे नुकसान का निवारण
हैप्पी कार्ड के दुरुपयोग के कारण रोडवेज विभाग को भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ रहा था। कई मामले सामने आए जहां लोगों ने फर्जी तरीके से कार्ड का इस्तेमाल किया। इसे रोकने के लिए विभाग ने अब हैप्पी कार्ड के साथ आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य कर दिया है। यदि कोई कार्ड धारक अपना आधार कार्ड प्रस्तुत नहीं कर पाता, तो उन्हें यात्रा के लिए टिकट खरीदना पड़ेगा।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
जिन व्यक्तियों को हैप्पी कार्ड के लिए आवेदन करना है। वे खुद से या किसी अटल सेवा केंद्र के माध्यम से परिवार पहचान पत्र के आधार पर यह काम कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है ताकि लोग बिना किसी परेशानी के इस लाभ को प्राप्त कर सकें।
सुधारात्मक कदम और उनकी उपयोगिता
हरियाणा राज्य परिवहन के महाप्रबंधक कमलजीत चहल के अनुसार विभाग ने जिले में 81,000 हैप्पी कार्ड जारी किए हैं। जिनमें से 32,000 कार्ड पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। अतिरिक्त कार्ड के लिए 109 रुपए और रखरखाव के लिए वार्षिक शुल्क के रूप में 79 रुपए लिए जाते हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि कार्ड का उपयोग केवल पात्र व्यक्ति ही करें।
हरियाणा सरकार और रोडवेज विभाग द्वारा हैप्पी कार्ड योजना में की गई सुधारात्मक कार्रवाई से न केवल धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। बल्कि इससे विभाग को होने वाले वित्तीय नुकसान में भी कमी आएगी। इसके अलावा यह योजना सुनिश्चित करती है कि यात्रा की सुविधा केवल उन्हीं लोगों तक पहुँचे जो इसके वास्तविक हकदार हैं।