उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ का लक्ष्य देशभर में एक करोड़ सौर छतों की स्थापना करना है. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में अब तक 25 लाख से अधिक सौर छतों की स्थापना की जा चुकी है, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है. जिससे न केवल ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
30,000 सूर्य मित्र प्रशिक्षित करने की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में सौर ऊर्जा क्रांति को सफल बनाने के लिए 30,000 युवाओं को ‘सूर्य मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला केंद्रों और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में आयोजित किया जा रहा है. इस योजना के तहत युवाओं को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कुशल बनाने के लिए तीन महीने का व्यापक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिसमें कक्षा निर्देश, प्रयोगशाला कार्य, सौर फोटोवोल्टिक प्रौद्योगिकी संयंत्रों का अनुभव और उद्यमिता विकास जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है.
सौर ऊर्जा हर घर में बिजली
सौर ऊर्जा का उपयोग केवल पर्यावरण के लिए ही नहीं. बल्कि घरेलू बिजली की आपूर्ति में निरंतरता बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है. यूपीएनईडीए (उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) के अनुसार राज्य में 18 लाख से अधिक घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए पंजीकरण पूरा हो चुका है. इसके अलावा दो लाख से अधिक घरों के लिए आवेदन जमा किए जा चुके हैं. यह आंकड़ा बताता है कि उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा को अपनाने के प्रति लोगों में जागरूकता और रुचि तेजी से बढ़ रही है.
सूर्य मित्र कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश सरकार का सूर्य मित्र कार्यक्रम न केवल सौर ऊर्जा के क्षेत्र में युवाओं को कुशल बना रहा है. बल्कि उन्हें रोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर रहा है. इस कार्यक्रम के लिए पात्रता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए और उनके पास इलेक्ट्रीशियन, वायरमैन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, फिटर या शीट मेटल वर्कर के रूप में आईटीआई प्रमाणन होना चाहिए. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद युवाओं को सौर ऊर्जा परियोजनाओं में रोजगार हासिल करने में सहायता प्रदान की जाती है. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.
नेट बिलिंग और नेट मीटरिंग
उत्तर प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए नेट बिलिंग और नेट मीटरिंग प्रणाली भी शुरू की है. इस प्रणाली के तहत जो लोग अपने घरों की छत पर सोलर पैनल लगाते हैं. वे अपनी अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में बेच सकते हैं. इससे न केवल उनकी बिजली की जरूरतें पूरी होती हैं. बल्कि वे अतिरिक्त आय भी कमा सकते हैं. यह पहल सौर ऊर्जा को और अधिक आकर्षक बनाती है. जिससे अधिक से अधिक लोग इसे अपनाने के लिए प्रेरित होंगे.
टाटा समूह के साथ साझेदारी
सौर ऊर्जा के व्यापक प्रसार के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने टाटा समूह के साथ साझेदारी की है. इस साझेदारी के तहत राज्य में 10 लाख घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. यह साझेदारी सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी. बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ी भूमिका निभाएगी. टाटा समूह के साथ इस सहयोग से सौर ऊर्जा परियोजनाओं में तेजी आएगी और लोगों को बेहतर गुणवत्ता की सेवाएं मिलेंगी.
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदम
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से राज्य ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग से न केवल बिजली की समस्या का समाधान होगा. बल्कि राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा. सौर ऊर्जा का उपयोग पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करेगा. जिससे आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर और स्वस्थ पर्यावरण मिलेगा.