Samagra Gavya Vikas Yojana: भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय में वृद्धि के लिए डेयरी व्यवसाय एक महत्वपूर्ण साधन बनता जा रहा है. सरकार द्वारा डेयरी उद्यमिता विकास को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं और सब्सिडी (subsidy) योजनाएं प्रदान की जा रही हैं. इस प्रयास से न केवल किसान बल्कि बेरोजगार युवा भी अपनी आय में सुधार कर सकते हैं.
समग्र गव्य विकास योजना के तहत सब्सिडी
डेयरी खोलने के लिए सब्सिडी की सुविधा समग्र गव्य विकास योजना के अंतर्गत प्रदान की जाती है. इस योजना का उद्देश्य है दुधारू पशुओं के डेयरी उद्यम (dairy enterprise) स्थापित करना, जिससे लाभार्थियों को पशुपालन के माध्यम से स्थायी आय स्रोत मिल सके. इस योजना में विभिन्न श्रेणियों के लिए 75% से 50% तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है.
डेयरी व्यवसाय की विशेषताएं और लाभ
डेयरी व्यवसाय न केवल आय का एक स्रोत है बल्कि यह स्थानीय रोजगार के अवसरों (employment opportunities) को भी बढ़ाता है. इसके अतिरिक्त डेयरी व्यवसाय से दैनिक आधार पर नकद आय (cash income) प्राप्त होती है. जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.
कैसे करें डेयरी खोलने के लिए आवेदन
डेयरी खोलने के लिए आवेदन करना सरल है. इच्छुक व्यक्ति गव्य विकास निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. योजना के तहत आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन की रसीद, बैंक पासबुक की कॉपी और प्रशिक्षण प्रमाण पत्र शामिल हैं.
योजना की पात्रता और सब्सिडी की जानकारी
समग्र गव्य विकास योजना के अंतर्गत भूमिहीन किसानों, लघु किसानों, और सीमांत किसानों को विशेष प्राथमिकता दी जाती है. सब्सिडी की राशि और पात्रता विभिन्न श्रेणियों के अनुसार निर्धारित की गई है. यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है बल्कि ग्रामीण युवाओं को उद्यमिता की ओर आकर्षित करती है. जिससे वे स्वावलंबी बन सकें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें.