मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के हितों में कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इन कदमों का उद्देश्य किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना और उन्हें खेती में सहायता प्रदान करना है। फसलों की बुवाई में लगने वाले खाद-बीज में अनुदान, पीएम सम्मान निधि, मुख्यमंत्री सम्मान निधि जैसी योजनाओं के माध्यम से कई किसानों के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली है। आइए, जानते हैं इन योजनाओं के बारे में विस्तार से।
कृषि यंत्रों पर विशेष छूट
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने किसान अनुदान योजना के तहत कृषि यंत्र खरीदने पर विशेष छूट दी जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को कम दामों पर कृषि यंत्र मिलेंगे। ताकि हर किसान को खेती करने में आसानी हो और मुनाफा कमा सके। इस योजना का लाभ प्रत्येक वर्ग का किसान उठा सकता है। हालांकि ज्यादातर छूट अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को दी गई है।
50% तक की सब्सिडी का प्रावधान
इस योजना के तहत कर्ज मुक्त किसान और सिंचित कृषि भूमि होने पर 50% तक की सब्सिडी देने का प्रावधान है। इससे किसानों को खेती के लिए आवश्यक यंत्र सस्ते दरों पर उपलब्ध हो सकेंगे। जिससे उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि होगी।
लक्षित कृषि यंत्र
दमोह के कृषि विभाग में वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी मुकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के द्वारा खेती की उपयोगिता वाले 5 कृषि यंत्रों के लिए लक्ष्य जारी किए गए हैं। इन कृषि यंत्रों में रोटावेटर, श्रेडर, मल्चर, चाफ कटर, ट्रैक्टर, विद्युत चलित रीपर (स्वचालित/ट्रेक्टर चलित), रीपर कम बाइंडर शामिल हैं। इन यंत्रों को खरीदने पर सरकार की ओर से 30% से 50% तक अनुदान किसान को दिया जाता है।
पारदर्शिता और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना को पूरी तरह से पारदर्शी रखा गया है। इसका लाभ लेने के लिए किसानों को MPOnline कैफे के माध्यम से अपना फॉर्म इस वेबसाइट – MPDAge पर भरना होगा। पहले चरण में किसान का पंजीयन होगा। फिर लॉटरी में चयनित किसानों की सूची में नाम शामिल होने पर जिले के सहायक कृषि यंत्री के नाम से डिमांड ड्राफ्ट बनवाकर जमा करना होगा। इस योजना के अंतर्गत 5 हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक की डीडी किसान को बनवानी पड़ेगी।
किसानों को मिल रही राहत
किसान अनुदान योजना के तहत किसानों को मिल रही राहत की बात करें तो इससे उनकी खेती की लागत में कमी आई है। कृषि यंत्रों की मदद से उनकी खेती की प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक और कुशल हो गई है। इसके परिणामस्वरूप उनकी उत्पादकता में वृद्धि हुई है और उन्हें अधिक मुनाफा हो रहा है।
योजना का व्यापक प्रभाव
मध्यप्रदेश सरकार की इस योजना का व्यापक प्रभाव दिखने लगा है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के साथ ही यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रही है। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हो रही है। बल्कि उनका जीवन स्तर भी सुधर रहा है। किसानों के पास अब बेहतर साधन हैं, जिससे वे अपनी खेती को और अधिक उन्नत बना सकते हैं।
किसानों की प्रतिक्रिया
किसानों ने इस योजना के प्रति अपनी खुशी और संतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा दी जा रही इस सहायता से उन्हें बहुत राहत मिली है। पहले जहां उन्हें कृषि यंत्रों के लिए भारी खर्च करना पड़ता था। अब वे इन यंत्रों को सब्सिडी पर प्राप्त कर रहे हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और वे अपनी खेती को और बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं।