Free Ration: गोरखपुर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 33 लाख से अधिक लाभार्थियों में से केवल 22 लाख का ही केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो पाई है. इसके बावजूद कि बार-बार दी गई अल्टीमेटम के बाद भी बाकी बचे लाभार्थियों का केवाईसी में सम्मिलित होना मुश्किल प्रतीत होता है. ऐसे में लगभग 8 लाख लाभार्थियों को फ्री राशन से वंचित होना पड़ सकता है.
विभागीय रिपोर्ट और जांच
गोरखपुर के विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कई लाभार्थी या तो मृतक हैं या विदेश में हैं, या उन्होंने गलत तरीके से राशन का लाभ उठाया है. इसी कारण जून महीने से नये सिरे से सभी पात्रों का सत्यापन किया जा रहा है, जिससे सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे.
कोटेदारों की चुनौतियाँ और प्रयास
कोटेदार रामनरेश राजभर के अनुसार उनके यहाँ पंजीकृत कार्डधारकों में से 70% का ही केवाईसी हो पाया है. बहुत से लोग जो अन्य प्रदेशों में रहकर काम करते हैं. उन्होंने अपने-अपने स्थानों पर केवाईसी कराई है. जबकि जो विदेश में हैं या उनके आधार कार्ड में गड़बड़ी है, उनका केवाईसी नहीं हो पाया है.
गोरखपुर की प्रगति और पहल
जिलापूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक गोरखपुर उत्तर प्रदेश में केवाईसी प्रक्रिया को लागू करने में अग्रणी है. उनका कहना है कि केवाईसी नहीं कराने वाले लाभार्थियों को राशन का वितरण रोक दिया जाएगा. जिससे योजना का सही लाभ उन्हें मिल सके जो वास्तव में पात्र हैं.