Govt Scheme: भारत में चाय की खेती का इतिहास बहुत पुराना है और असम, दार्जिलिंग जैसी जगहें अपनी बेहतरीन चाय के लिए प्रसिद्ध हैं. लेकिन अब बिहार भी चाय की खेती के क्षेत्र में उभर रहा है. बिहार के अररिया, सुपौल, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों में करीब 25,000 हेक्टेयर भूमि पर चाय की खेती की जा रही है. यह कदम न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है. बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि कर रहा है.
किसानों के लिए सरकार की सब्सिडी योजना
बिहार सरकार ने किसानों को चाय की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “विशेष उद्यानिकी फसल योजना” के तहत सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत, सरकार किसानों को चाय की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 4 लाख 94 हजार रुपये की लागत निर्धारित कर रही है. जिसमें से 50 प्रतिशत यानी 2 लाख 47 हजार रुपये की सब्सिडी प्रदान की जा रही है. यह राशि किसानों को दो किस्तों में दी जाएगी.
चाय की खेती के लिए चयनित जिले
इस योजना का लाभ बिहार के चार जिलों के किसानों को मिलेगा: अररिया, सुपौल, पूर्णिया और कटिहार. पहले केवल किशनगंज में चाय की खेती होती थी, लेकिन अब इन चार नए जिलों को भी चाय की खेती के लिए उपयुक्त पाया गया है. कृषि विभाग ने इन जिलों में चाय की खेती का विस्तार करने की योजना बनाई है. जिससे यहां के किसानों को नई संभावनाएं मिल सकेंगी.
कितना लाभदायक है चाय की खेती?
चाय की खेती एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है. खासकर तब जब सरकार से सब्सिडी का समर्थन मिल रहा हो. बिहार में चाय की खेती के लिए 150 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. एक हेक्टेयर में लगभग 15,526 पौधों की आवश्यकता होगी. इसके लिए सरकार ने 9 करोड़ 49 लाख रुपये की राशि निर्धारित की है. जो किसानों को उनकी लागत का एक बड़ा हिस्सा कवर करने में मदद करेगी.
कैसे करें आवेदन?
अगर आप चाय की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा. सबसे पहले आपको बिहार उद्यानिकी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल है. इसके अलावा आप अधिक जानकारी के लिए नजदीकी जिले के सहायक निदेशक, उद्यान से भी संपर्क कर सकते हैं.
डीबीटी के माध्यम से अनुदान की राशि
सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजने का निर्णय लिया है. इसके लिए किसानों को पहले डीबीटी के लिए पंजीकरण करवाना होगा. डीबीटी पंजीकरण के लिए किसान इस लिंक https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.