बिहार के किसानों के लिए एक गुड न्यूज़ आई है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत जो किसान अपनी जमीन या खेत पर सोलर पावर प्लांट लगाने के इच्छुक हैं उनके लिए अब बैंक से लोन प्राप्त करना और भी आसान हो गया है। इस दिशा में सरकार और विभिन्न प्रमुख बैंकों ने कदम बढ़ाया है जिससे किसान अपने सोलर प्रोजेक्ट्स को आसानी से आरंभ कर सकेंगे।
पटना में उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष संजीव हंस के निर्देशन में पटना स्थित विद्युत भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक का संचालन किया गया। इस बैठक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक सहित कई अन्य प्रमुख बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह सभी बैंक सोलर प्लांट लगाने के इच्छुक किसानों को लोन प्रदान करने पर सहमत हुए हैं जिससे इस योजना के तहत कार्यान्वयन की गति तेज होगी।
पीएम कुसुम योजना क्या है
पीएम कुसुम योजना के तहत किसान या उद्यमी अपने जमीन पर सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित कर सकते हैं। यह प्लांट विद्युत उपकेंद्र के 5 किलोमीटर के दायरे में लगाया जा सकता है और इसे सीधे 11 केवी की ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ा जाएगा। इस तरह की पहल से किसान न केवल अपने लिए ऊर्जा उत्पन्न कर पाएंगे बल्कि अधिक उत्पादन होने पर उसे बिजली कंपनियों को बेच भी सकेंगे।
बिहार में सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष उत्साह
इस योजना के तहत एक मेगावाट सोलर प्लांट के लिए लगभग चार एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है और प्रति मेगावाट लगभग 5 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ता है। इस प्रोजेक्ट की विशेषता यह है कि बिजली उत्पादन के बदले में बिजली कंपनियां हर साल 50 लाख रुपये प्रति मेगावाट के हिसाब से भुगतान करती हैं जिससे किसान 10 साल में अपना निवेश वापस पा सकते हैं और अगले 15 साल तक लाभ कमा सकते हैं।