उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को राज्य का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की महत्वपूर्ण योजना बनाई है। इस योजना के तहत एक्सप्रेसवे के दोनों ओर विशाल सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे। जो न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेंगे बल्कि स्थानीय समुदायों को स्थायी ऊर्जा समाधान भी प्रदान करेंगे। इस पहल से ऊर्जा की खपत को कम करने में मदद मिलेगी और वातावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी।
योजना का प्रस्ताव और विस्तार
उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने हाल ही में इस परियोजना पर विभागीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में न केवल सोलर एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना पर चर्चा की गई।
बल्कि लखनऊ और प्रयागराज में होने वाले सेमिनार और समीक्षा बैठकों की तैयारियां भी की गईं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य स्टेकहोल्डर्स और सौर ऊर्जा विशेषज्ञों को साथ लाकर एक्सप्रेसवे परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श करना था।
एक्सप्रेसवे की पर्यावरणीय साझेदारी
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना पर्यावरण संरक्षण के नए मानदंड स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम है। एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर 25,000 से अधिक पौधे लगाए जाएंगे, जो न केवल सौंदर्य बढ़ाएंगे बल्कि वातावरण को भी शुद्ध रखेंगे।
इसके अलावा 1700 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया जा रहा सोलर पार्क जो कि प्रदेश का सबसे लंबा सोलर पार्क होगा। 450 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन करेगा। यह सोलर पार्क पूरे क्षेत्र के लिए एक स्थायी और हरित ऊर्जा स्रोत के रूप में काम करेगा।
प्रौद्योगिकी और निर्माण
इटावा से चित्रकूट तक फैले 296 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के मुख्य कैरिजवे और सर्विस रोड के बीच 1700 हेक्टेयर की भूमि पर 15-20 मीटर चौड़ी सोलर पार्क की स्थापना की जा रही है। इस पार्क का निर्माण नवीनतम तकनीकी मानकों के अनुसार किया जा रहा है।
जिसे विभिन्न कंपनियों को 25 वर्ष के लिए पट्टे पर दिया जाएगा। यह व्यवस्था न केवल परियोजना की व्यावहारिकता सुनिश्चित करेगी बल्कि लंबी अवधि में ऊर्जा की आपूर्ति में स्थिरता भी प्रदान करेगी।
भविष्य की ओर निगाहें
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश को आधुनिक यातायात सुविधाएँ प्रदान करेगी। बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण के नए युग की भी शुरुआत करेगी। इस परियोजना से जुड़े हर एक कदम का मकसद न केवल आज की जरूरतों को पूरा करना है।
बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्थिर पर्यावरण तैयार करना भी है। इस तरह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे न केवल एक मार्ग है। बल्कि यह एक नई सोच का प्रतीक भी है, जो विकास और प्रगति के नए आयामों को छूने की ओर अग्रसर है।