Most Expensive School: सिंधिया स्कूल जो 1897 में सिंधिया परिवार द्वारा स्थापित किया गया था. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है. इस स्कूल का इतिहास 125 वर्ष पुराना है, जो इसे भारत के सबसे प्रतिष्ठित और महंगे बोर्डिंग स्कूलों में से एक बनाता है. इस स्कूल की विशेषता इसकी उच्च शिक्षण पद्धति और विश्व स्तरीय सुविधाओं में निहित है.
प्रसिद्ध छात्र (Notable Alumni)
सिंधिया स्कूल ने कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को शिक्षा प्रदान की है. जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान शामिल हैं. इन व्यक्तित्वों ने न केवल अपने क्षेत्रों में उच्च प्रदर्शन किया है, बल्कि स्कूल के गौरव को भी बढ़ाया है.
स्कूल की स्थापना और वास्तुकला (Architecture and Campus Setup)
सिंधिया स्कूल ग्वालियर किले के ऊपर स्थित है और इसका कैंपस 100 एकड़ में फैला हुआ है. इसकी वास्तुकला और डिजाइन शैक्षिक संस्थानों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करती है, जिसमें आधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक शैली का संगम है.
खेल और अन्य गतिविधियाँ (Sports and Other Activities)
स्कूल के कैंपस में 22 विभिन्न खेल मैदान हैं. जिसमें क्रिकेट, तैराकी, लॉन टेनिस, घुड़सवारी और बॉक्सिंग समेत कई इनडोर गेम्स की सुविधाएं उपलब्ध हैं. ये सुविधाएँ छात्रों को न केवल एजुकेशनल ऐड्वैन्स्मन्ट में बल्कि सर्वांगीण विकास में भी मदद करती हैं.
दाखिला प्रक्रिया और वार्षिक फीस (Admission Process and Fee Structure)
सिंधिया स्कूल में दाखिला लेने के लिए छात्रों को एक प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है. वेबसाइट के अनुसार स्कूल की वार्षिक फीस लगभग 13 लाख रुपए है, जो इसे भारत के सबसे महंगे स्कूलों में से एक बनाती है. विशेष रूप से सैनिकों के बच्चों के लिए फीस में छूट भी दी जाती है. जिससे उन्हें यहां शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलती है.
स्कूल का भविष्य और उसकी योजनाएं (Future Plans and Vision of the School)
सिंधिया स्कूल ने एजुकेशन एक्सलन्स और छात्रों के पर्सनल डेवलपमेंट पर जोर देने के अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. स्कूल प्रशासन लैटस्ट टीचिंग मेथड्स और तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ ग्लोबल लेवल पर अपने छात्रों को कम्पेटिटिव बनाने के लिए कटिबद्ध है. स्कूल अपने छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है, ताकि वे भविष्य में ग्लोबल सिटिज़न के रूप में उभर सकें.