Railway Tunnel: पर्वतीय क्षेत्रों में रेलवे लाइन बिछाना एक जटिल और चुनौतीपूर्ण इंजीनियरिंग कार्य है। पहाड़ों को काटकर ट्रेन के लिए स्थायी और सुरक्षित रास्ते बनाना पड़ता है। इस प्रक्रिया में विशाल मशीनों और विस्फोटकों का उपयोग करते हुए पहाड़ों को छेदना पड़ता है। जिससे रेलमार्ग के लिए एक सुगम पथ (smooth path for trains) प्रशस्त हो सके। यह न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण है। बल्कि यह पर्यावरणीय संरक्षण (environmental conservation) के नजरिए से भी संवेदनशील होता है।
सुरंगों के माध्यम से पर्वतीय यात्रा
पहाड़ी क्षेत्रों में ट्रेनों का संचालन अक्सर सुरंगों के जरिए होता है। ये सुरंगें (tunneling in mountains) काफी लंबी होती हैं और इन्हें बनाने में बहुत समय और सावधानी की जरूरत होती है। ये सुरंगें न केवल ट्रेनों को पहाड़ों के बीच से सुरक्षित गुजरने का मार्ग प्रदान करती हैं। बल्कि ये भूस्खलन या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा भी प्रदान करती हैं।
विश्व की सबसे लंबी सुरंग
स्विटजरलैंड में स्थित गॉदर्ड बेस टनल (Gotthard Base Tunnel) दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। इसकी लंबाई 57 किलोमीटर है और यह 2,300 मीटर की गहराई में स्थित है। जो इसे बहुत खास बनाता है। इस सुरंग का निर्माण उत्तर यूरोप और दक्षिणी यूरोप को जोड़ने के लिए किया गया था। जिससे व्यापार और यात्रा (trade and travel between regions) को बढ़ावा मिल सके।
जून 2016 में खोला गया था सुरंग
गॉदर्ड बेस टनल की खासियत यह है कि यह बहुत गहराई में होने के बावजूद हाई स्पीड वाली ट्रेनों (high-speed trains) के लिए बनाया गया है। इसे जून 2016 में यात्री और मालवाहक ट्रेनों के लिए खोला गया था। इस सुरंग से होकर ट्रेनें हाई स्पीड से गुजरती हैं। जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाता है और यात्री सुविधा में इजाफा होता है।
उत्तरी और दक्षिणी यूरोप को जोड़ती है यह सुरंग
गॉदर्ड बेस टनल के माध्यम से उत्तरी और दक्षिणी यूरोप के बीच की दूरी को कम करने के साथ ही इसने क्षेत्रीय संपर्कता में क्रांति (revolution in regional connectivity) ला दी है। इस सुरंग के माध्यम से मालवाहक ट्रेनों की आवाजाही से व्यापारिक संबंधों में सुधार हुआ है और यूरोप के भीतरी हिस्सों तक वस्तुओं की पहुंच आसान हुई है।